नागौरः जिले के सरासनी गांव में एक निजी कंपनी के विरोध में धरना दे रहे किसान और पुलिस बुधवार को आमने-सामने हो गए. जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया. ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया तो पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. इस बीच कुछ लोगों ने एक खेत में आग लगा दी. घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है. वहीं, इस घटना पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए पुलिस लाठीचार्ज को निंदनीय बताया है.
जानकारी के मुताबिक जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के विरोध में किसान 134 दिन से धरना दे रहे थे. इस बीच बुधवार को निजी कंपनी की ओर से हरिमा, सरासनी आदि गांव में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही थी. इस बीच धरने पर बैठे ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया. ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया तो पुलिस ने भी लोगों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. कुछ लोगों ने खेत में आग लगा दी. घटना के बाद मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. बता दें कि कंपनी की ओर से हरिमा, सरासनी आदि गांव में जमीन खरीदी गई है. सरासनी के किसानों का आरोप है कि उनकी जमीनें 8 लाख रुपए प्रति बीघा में खरीदी गई और सही कीमत नहीं दी. इसी को लेकर यह धरना चल रहा था. कंपनी ने बुधवार को काम शुरू किया तो विवाद बढ़ गया.
जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बुलाई बैठकःइस पूरे मामले के बाद नागौर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में कंपनी और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों के प्रतिनिधि मंडल को बुलाया गया है. पंचायत समिति में मीटिंग चल रही है. किसान इस बात पर अड़े हैं कि जमीनों के जो पैसे हैं उनके दाम बढ़ाकर दिए जाएं, फिलहाल पूरे मामले में जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित नजर बनाए हुए हैं.
पुलिस जाप्ता तैनात हैः जायल डिप्टी खेमाराम बिजारणियां ने बताया कि कंपनी के काम शुरू करने के दौरान पुलिस भी मौजूद रही. किसानों ने विरोध किया और पत्थरबाजी हो गई. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. इसी बीच कुछ लोगों ने एक खेत में आग भी लगा दी. घटना के बाद सरासनी गांव में भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है. तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, लेकिन फिलहाल शांति है.