रोहतासःआजादी के दीवानों ने अपनी पूरी जिंदगी देश के नाम समर्पित कर दी, लेकिन आज उनके ही आश्रित जीवन जीने की कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं.रोहतास के रहनेवाले स्वतंत्रता सेनानी दशराथ राम के आश्रितों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है. आजादी में योगदान के लिए दशरथ राम को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से सम्मान मिल चुका है लेकिन उनके दिवंगत होने के बाद उनकी विधवा गिरिजा देवी पेंशन के लिए दर-दर भटक रही हैं.
दशरथ राम के देहांत के बाद पत्नी की पेंशन बंदः रोहतास के सासाराम के रहनेवाले चर्चित स्वतंत्रता सेनानी दशरथ राम की पत्नी और पूरा परिवार इन दिनों मुश्किल में है. जानकारी के मुताबिक 4 मार्च 2020 को दशरथ राम के निधन के बाद उनकी पत्नी गिरिजा देवी को स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन मिलती रही, लेकिन 2023 के मार्च महीने से उनकी पेंशन बंद कर दी गई. जब उन्होंने इसकी जानकारी विभाग से ली, तो पता चला कि किसी ने गृह मंत्रालय में शिकायत कर दी है कि गिरिजा देवी दशरथ राम की पत्नी नहीं हैं. जिला प्रशासन की ओर से भी ऐसी ही रिपोर्ट भेजी गयी है. जिसके बाद दशरथ राम के सात बच्चों की मां बुजुर्ग गिरिजा देवी खुद को स्वतंत्रता सेनानी दशरथ राम की पत्नी साबित करने के लिए भटक रही हैं.
कई बीमारियों से पीड़ित हैं गिरिजा देवीः बताया जाता है कि दो पत्नियों के निधन के बाद दशरथ राम ने 1980 में गिरिजा देवी से शादी की थी. जिनसे चार पुत्र तथा तीन पुत्रियां हैं. आजादी की लड़ाई लड़ने वाला दशरथ राम का पूरा परिवार सासाराम के बौलिया में किराए के मकान में रह रहा है.दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी कई बीमारियों से पीड़ित हैं. वह ठीक से सुन भी नहीं पा रही हैं. चलने फिरने में भी तकलीफ है. ऐसे में सरकार ने उनकी पेंशन बंद कर उन्हें और परिवार को आफत में डाल दिया है.