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जिसे राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दिया सम्मान, खो गयी उसकी 'विधवा' की पहचान, पेंशन के लिए दर-दर भटक रही गिरिजा देवी - INDEPENDENCE DAY 2024

FIGHTER DASHRATH RAM WIDOW: आज हिंदुस्तान आजाद है तो उन लाखों-करोड़ों सेनानियों की वजह से जिन्होंने अंग्रेजों को भगाने के लिए अपनी जान की परवाह तक नहीं की. लेकिन आज उनके आश्रित ही पहचान के लिए दर-दर भटक रहे हैं. रोहतास के रहनेवाले स्वतंत्रता सेनानी दशरथ राम की विधवा गिरिजा देवी की पेंशन ये कहते हुई बंद कर दी गयी हैं कि वो दशरथ राम की पत्नी नहीं हैं, पढ़िये पूरी खबर,

पेंशन के लिए भटक रहीं स्वतंत्रता सेनानी की विधवा
पेंशन के लिए भटक रहीं स्वतंत्रता सेनानी की विधवा (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 15, 2024, 8:50 PM IST

मुश्किल में स्वतंत्रता सेनानी का परिवार (ETV BHARAT)

रोहतासःआजादी के दीवानों ने अपनी पूरी जिंदगी देश के नाम समर्पित कर दी, लेकिन आज उनके ही आश्रित जीवन जीने की कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं.रोहतास के रहनेवाले स्वतंत्रता सेनानी दशराथ राम के आश्रितों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है. आजादी में योगदान के लिए दशरथ राम को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से सम्मान मिल चुका है लेकिन उनके दिवंगत होने के बाद उनकी विधवा गिरिजा देवी पेंशन के लिए दर-दर भटक रही हैं.

प्रधानमंत्री से मिला था सम्मान (ETV BHARAT)

दशरथ राम के देहांत के बाद पत्नी की पेंशन बंदः रोहतास के सासाराम के रहनेवाले चर्चित स्वतंत्रता सेनानी दशरथ राम की पत्नी और पूरा परिवार इन दिनों मुश्किल में है. जानकारी के मुताबिक 4 मार्च 2020 को दशरथ राम के निधन के बाद उनकी पत्नी गिरिजा देवी को स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन मिलती रही, लेकिन 2023 के मार्च महीने से उनकी पेंशन बंद कर दी गई. जब उन्होंने इसकी जानकारी विभाग से ली, तो पता चला कि किसी ने गृह मंत्रालय में शिकायत कर दी है कि गिरिजा देवी दशरथ राम की पत्नी नहीं हैं. जिला प्रशासन की ओर से भी ऐसी ही रिपोर्ट भेजी गयी है. जिसके बाद दशरथ राम के सात बच्चों की मां बुजुर्ग गिरिजा देवी खुद को स्वतंत्रता सेनानी दशरथ राम की पत्नी साबित करने के लिए भटक रही हैं.

राष्ट्रपति ने किया था सम्मानित (ETV BHARAT)

कई बीमारियों से पीड़ित हैं गिरिजा देवीः बताया जाता है कि दो पत्नियों के निधन के बाद दशरथ राम ने 1980 में गिरिजा देवी से शादी की थी. जिनसे चार पुत्र तथा तीन पुत्रियां हैं. आजादी की लड़ाई लड़ने वाला दशरथ राम का पूरा परिवार सासाराम के बौलिया में किराए के मकान में रह रहा है.दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी कई बीमारियों से पीड़ित हैं. वह ठीक से सुन भी नहीं पा रही हैं. चलने फिरने में भी तकलीफ है. ऐसे में सरकार ने उनकी पेंशन बंद कर उन्हें और परिवार को आफत में डाल दिया है.

"किराए के मकान में किसी तरह जिंदगी कट रही है. स्वास्थ्य भी सही नही रहता, शरीर कब साथ छोड़ दे कह पाना मुश्किल है. स्वतंत्रता सेनानी सम्मान निधि से मिलने वाले पेंशन से ही परिवार का गुजारा चल रहा था.सरकार से निवेदन है कि मेरी पेंशन चालू की जाए."-गिरिजा देवी, स्वतंत्रता सेनानी दशरथ राम की पत्नी

"तकरीबन डेढ़ सालों से मेरी मां की पेंशन बंद है. वो हमेशा बीमार रहने लगी हैं. पिताजी को राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है.बावजूद पेंशन पर रोक लगा दी गई है.बस यही विनती है कि पेंशन चालू कर दी जाए."-अशोक कुमार, स्वतंत्रता सेनानी दशरथ राम की पत्नी

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