रोहतक: जिला पुलिस ने हत्या के आरोपी को 15 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी ने 21 साल पहले नरेन्द्र नाम के युवक की हत्या की थी. उस पर 5 हजार का इनाम भी घोषित था. साल 2009 में जमानत मिलने पर वो फरार हो गया था. सीआईए प्रथम ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है.
पड़ोसियों पर दर्ज कराई झूठा एफआईआर: इस बारे में एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने कहा, " अक्टूबर 2003 में जनता कॉलोनी निवासी चंद्रभान ने सिटी थाने में हत्या का मामला दर्ज किया था. चंद्रभान का आरोप था कि उसके पड़ोसी प्रमोद, समुंद्र और बालकिशन का उससे विवाद चल रहा था. पहले दोनों पक्षों में पंचायती तौर पर समझौता हो गया था. बावजूद इसके तीनों ने उसके बेटे संजय की पीट-पीट कर हत्या कर दी. साथ ही उसके शव को जला दिया."
"चंद्रभान की शिकायत के बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया. इसी बीच 13वीं के बाद तुरंत चंद्रभान का परिवार मकान बेचकर भिवानी में जाकर रहने लगा. इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि चंद्रभान का बेटा संजय जिंदा है. दिसंबर 2003 में पुलिस ने संजय को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ करने पर अलग ही कहानी सामने आई."
खुद की थी युवक की हत्या:एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने आगे बताया, "जींद के गतौली गाव के निवासी नरेंद्र चंद्रभान के मकान के सामने फलों की रेहड़ी लगाता था. चंद्रभान को शक था कि नरेंद्र उसकी बेटी से छेड़खानी करता है. चंद्रभान इससे नाराज था. एक दिन चंद्रभान ने नरेंद्र को अपने घर बुलाया. उसने अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर नरेंद्र को दूध में नींद को गोलियां दे दी. इसके बाद बेहोशी की हालत में नरेंद्र की गला घोंटकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को आग के हवाले कर दिया. खुद बचने की फिराक में चंद्रभान ने नरेंद्र के शव को बेटे संजय का शव बताकर पड़ोसियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करवा दिया."