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रोहतक मर्डर मामला: 15 साल बाद हत्यारा गिरफ्तार, मर्डर के बाद पड़ोसियों के खिलाफ दर्ज कराया केस, जानें कैसे खुला राज - ROHTAK MURDER CASE ACCUSED ARRESTED

रोहतक मर्डर केस में 15 साल बाद पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार किया. आरोपी पर पुलिस ने 5 हजार का इनाम घोषित कर रखा था.

Rohtak Murder Case
रोहतक मर्डर केस (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 15, 2025, 9:32 AM IST

रोहतक: जिला पुलिस ने हत्या के आरोपी को 15 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी ने 21 साल पहले नरेन्द्र नाम के युवक की हत्या की थी. उस पर 5 हजार का इनाम भी घोषित था. साल 2009 में जमानत मिलने पर वो फरार हो गया था. सीआईए प्रथम ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है.

पड़ोसियों पर दर्ज कराई झूठा एफआईआर: इस बारे में एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने कहा, " अक्टूबर 2003 में जनता कॉलोनी निवासी चंद्रभान ने सिटी थाने में हत्या का मामला दर्ज किया था. चंद्रभान का आरोप था कि उसके पड़ोसी प्रमोद, समुंद्र और बालकिशन का उससे विवाद चल रहा था. पहले दोनों पक्षों में पंचायती तौर पर समझौता हो गया था. बावजूद इसके तीनों ने उसके बेटे संजय की पीट-पीट कर हत्या कर दी. साथ ही उसके शव को जला दिया."

"चंद्रभान की शिकायत के बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया. इसी बीच 13वीं के बाद तुरंत चंद्रभान का परिवार मकान बेचकर भिवानी में जाकर रहने लगा. इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि चंद्रभान का बेटा संजय जिंदा है. दिसंबर 2003 में पुलिस ने संजय को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ करने पर अलग ही कहानी सामने आई."

खुद की थी युवक की हत्या:एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने आगे बताया, "जींद के गतौली गाव के निवासी नरेंद्र चंद्रभान के मकान के सामने फलों की रेहड़ी लगाता था. चंद्रभान को शक था कि नरेंद्र उसकी बेटी से छेड़खानी करता है. चंद्रभान इससे नाराज था. एक दिन चंद्रभान ने नरेंद्र को अपने घर बुलाया. उसने अपनी पत्नी और बेटे के साथ मिलकर नरेंद्र को दूध में नींद को गोलियां दे दी. इसके बाद बेहोशी की हालत में नरेंद्र की गला घोंटकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को आग के हवाले कर दिया. खुद बचने की फिराक में चंद्रभान ने नरेंद्र के शव को बेटे संजय का शव बताकर पड़ोसियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करवा दिया."

नाम बदलकर करने लगा मजदूरी: आगे एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने कहा, "पुलिस ने हत्या के आरोप में चंद्रभान, उसकी पत्नी और बेटे संजय को गिरफ्तार कर लिया. जिला अदालत ने तीनों को सजा सुनाई. चंद्रभान ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. साथ ही जमानत की अर्जी लगाई. हाईकोर्ट से चंद्रभान को जमानत मिल गई, लेकिन सजा के खिलाफ अपील खारिज हो गई."

आरोपी पर 5 हजार का इनाम: इसके बाद चंद्रभान अपने दोस्त के साथ यूपी के वाराणसी चला गया. वो वहां मजदूरी करने लगे. उसने अपना नाम बदलकर दलबीर सिंह रख लिया. वहीं, सजा पूरी करके चंद्रभान की पत्नी और बेटा संजय जेल से बाहर आ गए. चंद्रभान को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया. पुलिस ने उसके ऊपर पांच हजार रुपये का इनाम रखा था."

पुलिस ने किया गिरफ्तार: एसपी ने बताया कि चंद्रभान लंबे समय से परिवार के संपर्क में नहीं था. छह माह पहले वह हरियाणा आया. वह अपनी पत्नी के साथ भिवानी में रह रहा था. पुलिस ने दबिश देकर उसे रेवाड़ी से गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

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