गया : राजद सांसद डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि जदयू को अधिकार है क्या मुसलमानों से वोट मांगने का? मुसलमानों के खिलाफ बिल पर जदयू ने समर्थन दिया, साइन किया और अब नितीश कुमार कहते हैं कि मुसलमानों को हमारे काम बताओ. राजद के सांसद सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने जदयू पर मुसलमानों को लेकर बड़ी टिप्पणी की है.
''जदयू को अधिकार नहीं है कि वह मुसलमानों से वोट मांगे, मुसलमानों के खिलाफ बिल पर जदयू ने समर्थन दिया था, साइन किया और अब नितीश कुमार कहते हैं कि मुसलमानों को हमारे काम बताओ, क्या मुसलमान वोट देगा?''- सुरेन्द्र प्रसाद यादव, सांसद, राजद
सुरेन्द्र यादव, सांसद, आरजेडी (ETV Bharat) जेडीयू और आरजेडी में सीधा मुकाबला : दरअसल ज़िले में दो विधानसभा छेत्र में उपचुनाव होना है, 13 नवंबर को वोटिंग होगी, वोटिंग के दिन जैसे जैसे करीब आरहे हैं, प्रचार में नेता और उनके कार्यकर्ता जुट कर ज़ोर लगा रहे हैं, नेताओं की ओर से अपने वादे को पूरा करने का भी भरोसा दिलाया जा रहा है, बेलागंज विधानसभा क्षेत्र राजद का किला है. पिछले 34 वर्षो से डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव क्षेत्र के विधायक रहे हैं. 2000 के बाद अधिकतर चुनाव में जदयू प्रत्याशी से ही सुरेन्द्र यादव का सीधा मुकाबला रहा है, लेकिन इस बार जन सुराज के आने से त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है.
मैदान में है सुरेंद्र यादव के बेटे : इस बार सुरेंद्र प्रसाद यादव के बेटा डॉ विश्वनाथ या सिंह राजद से प्रत्याशी हैं. जबकि जदयू से मनोरमा देवी, जन सुराज से मोहम्मद अमजद, AIMIM के उमीदवार ज़ामिन अली हसन समेत कुल 14 उमीदवार चुनावी मैदान में हैं, हालांकि सुरेंद्र प्रसाद यादव का मानना है कि उपचुनाव में उनके लिए चुनौती नहीं है.
''क्षेत्र को हम अपना घर मानते हैं, यहां हर जाति धर्म के लोग हमारे परिवार हैं, वोट तो वह मांगता है जो नया-नया राजनीति शुरू करता है, हमारा यह पुश्तैनी राजनीति क्षेत्र है.'' पुश्तैनी छेत्र कैसे है ? इस सवाल पर सुरेंद्र यादव ने कहा कि''पुश्तैनी मतलब नेता और नेता मतलब विश्वास, क्योंकि विश्वास नहीं होगा तो नेता राजनीति कैसे कर सकता है.''-सुरेन्द्र यादव, सांसद, आरजेडी
जन सुराज पर तंज : सुरेंद्र यादव ने अपने ही अंदाज में जन सुराज पर तंज करते हुए कहा के बहुत सा आया है, खंभा-तंबू लगाकर बैठे हैं, लेकिन वह राजनीति करने नहीं बल्कि वह कुछ और करने आए हैं, वह भी जनता को पता चल जायेगा की वह क्या कर रहे हैं, वह राजनीति करने नहीं आए हैं बल्कि कुछ और काम करने आए हैं.
''जहां तक विरासत बचाने का मामला है तो अगर जिस दिन उसकी जरूरत पड़ेगी उसी दिन हम राजनीति छोड़ देंगे, चुनाव हम लड़ेंगे ही नहीं, हमको विरासत बचाने की जरूरत नहीं है. यह हमारा घर परिवार है. परिवार और घर में विरासत बढ़ाने और बचाने की बात नहीं हो सकती.''- सुरेन्द्र यादव, सांसद, आरजेडी
मेरा पुत्र, जनता का पुत्र: सुरेंद्र यादव ने इस चुनाव में किस से चुनौती है, इस सवाल पर कहा कि मेरा पुत्र-जनता का पुत्र है. और जो जनता का पुत्र होता है, उसको जनता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हमारे पुत्र विश्वनाथ सिंह को जनता का आशीर्वाद प्राप्त है. चुनौती कुछ नहीं है, हमारे चुनाव से भी आसान चुनाव मेरे पुत्र के लिए जनता ने बनाया है.
'जदयू को अधिकार नहीं मुसलमानों से वोट मांगने का': डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव ने जदयू पर निशाना साधते हुए कहा के आज जदयू अल्पसंख्यकों की बात कर रही है, लेकिन जदयू को मुसलमानों से वोट मांगने का अधिकार है? अभी जदयू ने वक्फ बिल पर साइन कर दिया, मुसलमानों के खिलाफ जो दो बिल आ रहा है, उस पर वह साइन कर दिया और कहा कि हम समर्थन देंगे, हम राजद वाले लोग समर्थन नहीं किया, हमारा पार्टी ने नहीं किया, हम लोग राहुल गांधी के साथ हैं, मर जाएंगे मिट जाएंगे लालू जी की बात पर दुनिया से चले जाएंगे, लेकिन दस्तखत हम लोग बिल पर नहीं करेंगे.
''जब देश गुलाम था तब सबसे ज्यादा कुर्बानी मुसलमान ने दी तब इनके लोग उस समय कहां थे, जो आज अधिकार छीनने की बात करते हैं, जो राज कर रहा क्या इसका भी पूर्वज कोई कुर्बानी दिया है, बलिदान दिया है, इसके परिवार में कोई फ्रीडम फाइटर है?''- सुरेन्द्र यादव, सांसद, आरजेडी
मनोरमा बेटी है : डॉ सुरेंद्र यादव ने जदयू पर तंज तो किया लेकिन जब उनसे मनोरमा देवी के संबंध में सवाल किया गया कि वह भी उन्हीं की जात से हैं, उनसे क्या चुनौती है, इस सवाल पर सुरेंद्र यादव ने कहा कि मनोरमा देवी बेटी है और बेटी से चैलेंज और चुनौती नहीं चलता है. हम उन पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. चुनाव में है वह भी अपने प्रचार में लगी हैं, हम अपने लोगों के बीच में आकर हाल-चाल जान रहे हैं, वैसे तो हम सालों भर बेलागंज के परिवार के साथ ही रहते हैं
एमवाई समीकरण इंटैक्ट: सुरेंद्र यादव ने कहा कि एमवाई समीकरण बेलागंज क्षेत्र में इंटैक्ट है. यहां कोई इस समीकरण को हिला नहीं सकता. यहां कोई बोल नहीं सकता. यहां सारे लोग पढ़े-लिखे लोग हैं. अच्छे इंसान हैं, यहां दंगाई लोग नहीं है. हम सब के साथ मिल कर रहने वाले लोग हैं.
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