मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

रीवा में सफाईकर्मी ने हाथों से साफ किया टॉयलेट, मानवाधिकार हनन का आरोप - manual cleaning toilet

रीवा बीजेपी सांसद द्वारा शौचालय की हाथों से सफाई के मामले के बाद अब एक सफाईकर्मी का ऐसा ही मामला सामने आया है. इसके बाद समाजसेवियों ने सिस्टम पर सवाल उठाते हुए मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया है.

manual cleaning toilet
रीवा में सफाई कर्मी ने हाथों से साफ किया टॉयलेट (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 10:11 AM IST

रीवा।रीवा के ग्रामीण यांत्रिकी विभाग कार्यालय के सफाई कर्मी द्वारा बगैर किसी सेफ्टी किट के ही अपने हाथों से कार्यालय के बाथरूम और टॉयलेट की सफाई की गई. इस घटना के बाद समाजसेवी शिवानंद द्विवेदी ने सिस्टम पर सवालिया निशान लगाए हैं. उनका कहना है कि एक सफाईकर्मी बिना किसी सेफ्टी किट के नंगे हाथों से टॉयलेट की सफाई कर रहा है, जो पूरी तरह से अमानवीय है. खास बात ये है कि जब सांसद ने ऐसा किया तो लोगों ने इसकी सराहना की थी.

सफाई करते सांसद का वीडियो वायरल

बता दें कि रीवा से बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा ने बिना किसी मेडिकल ग्लब्स के हाथों से प्लास्टिक के ब्रश से टॉयलेट की सफाई की थी. सांसद का वीडीयो वायरल होने के बाद लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी थी. कुछ लोगों का मानना था कि सांसद अक्सर लोगों को बीमारी से बचाने और स्वच्छता का संदेश देने के उद्देश्य से टॉयलेट की सफाई करते हैं. कुछ लोगों का कहना था कि इस तरह का कार्य करके सांसद लोगों को बीमारी फैलाने का संदेश दे रहे हैं. वीडियो वायरल होते ही सांसद की तारीफ हुई थी.

सफाईकर्मी बगैर किसी सुरक्षा उपकरण के

इस बार मामला रीवा के ग्रामीण यांत्रिकी विभाग कार्यालय का है. सफाईकर्मी बगैर किसी सुरक्षा उपकरण के ही अपने हाथो से कार्यालय के बाथरूम और टॉयलेट की सफाई करते दिखाई दे रहा है. सफाईकर्मी का कहना था कि वह 90 के दशक से ग्रामीण यांत्रिकी कार्यालय क्रमांक 1, 2 और 3 में सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत है. उसे हर माह 9 हजार तक का भुगतान किया जाता है. साथ ही टॉयलेट की सफाई के लिए आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है. साल में एक या दो बार ही टॉयलेट की सफाई के लिए सामग्री दी जाती है.

ये खबरें भी पढ़ें...

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा फिर सुर्खियों में, गरीब परिवार के घर जाकर अपने हाथों से चकाचक किया टॉयलेट

सिझोरा के स्कूली बच्चों की टॉयलेट साफ करने की मजबूरी, एकलव्य हॉस्टल में रहना है तो काम करना है!

जिला पंचायत सीईओ बोले- जांच कराएंगे

इस मामले में CEO जिला पंचायत संजय सौरभ सोनवाणे का कहना है मामला संज्ञान में आया है. ग्रामीण यांत्रिकि सेवा कार्यलय में सफाई कर्मी को सेफ्टी किट नही दी जा रही है. इसके लिए संबंधित को निर्देशित किया जाएगा और कारण भी पूछा जाएगा कि इस तरह की स्थिति क्यों है, क्योंकि सभी विभागों को स्वच्छता की राशि उपलब्ध कराई जाती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details