शिवपुरी: कोतवाली थाना क्षेत्र के कृष्णपुरम कॉलोनी में ऑनलाइन गेमिंग के जरिए युवाओं को करोड़ों कमाने का प्रलोभन देकर सट्टा संचालित करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से दो लैपटॉप, एक टैबलेट, छह मोबाइल, तीन चेक बुक और तीन एटीएम जब्त किए गए हैं. पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ सट्टा अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
श्रीलंका और दुबई से जुड़े हैं आरोपितों के तार, विदेशी खातों में हो रहा पैसों का ट्रांजैक्शन
कोतवाली टीआई कृपाल सिंह राठौड़ ने बताया "प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि आरोपितों के तार श्रीलंका और दुबई से जुड़े हुए हैं. गेमिंग के नाम पर चलाए जा रहे सट्टे में लगाए जा रहे पैसों का ट्रांजैक्शन विभिन्न माध्यमों से विदेशी खातों में हो रहा है. पुलिस ने फिलहाल छह आरोपितों के खिलाफ सट्टा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है."
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 21 दिसंबर की देर रात मारा छापा
जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़ को मुखबिर से सूचना मिली कि कृष्णपुरम कालोनी में पिछले कुछ दिनों से छह संदिग्ध लोग आकर रह रहे हैं. उनकी गतिविधियां पूरी तरह से संदिग्ध नजर आ रही हैं. पुलिस ने सूचना के आधार पर 21 दिसंबर की देर रात बताए गए स्थान पर दबिश दी. वहां ये लोग फर्जी अनरजिस्टर्ड साइटों के माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग के बहाने सट्टा खिलवाते हुए मिले.
- आईपीएल मैच में ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले 8 गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद
- भारत-पाकिस्तान के बीच मैच पर खिला रहे थे ऑनलाइन सट्टा, 2 गिरफ्तार, लाखों रुपये का हिसाब-किताब जब्त
पुलिस ने वहां मौजूद छह लोगों को पकड़ कर पूछताछ की तो उनकी पहचान संदीप(20), धीरज(21), अजय (22), रामकुमार(22), आदित्य सेन(18), निखिल (18) के रूप में की गई. पुलिस ने इनसे पूछताछ की तो पता चला कि इस पूरे खेल को संचालित करने वाले लोगों को ये नहीं जानते हैं. वे पर्दे के पीछे होते हैं, जिन नंबरों से वे बात करते हैं, वे सभी नंबर देश के बाहर के हैं.
चोर गिरोह समझ कर दबिश देने पहुंची थी पुलिस
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार घटित हो रही चोरी की वारदातों को देखते हुए प्रथम दृष्टया पुलिस ने उक्त गिरोह को बड़ा चोर गिरोह समझा था. इसी आधार पर पुलिस ने बताए गए स्थान पर दबिश दी.
मामले में विधि विशेषज्ञ एडवाेकेट अभय जैन से बात की गई तो उनका कहना था "जिस तरह का यह मामला बताया जा रहा है, उसके हिसाब से यह सिर्फ सट्टा अधिनियम का मामला नहीं है. अगर गेमिंग अथवा सट्टा ऑनलाइन चल रहा था तो यह सायबर फ्रॉड का मामला बनता है. जिसमें आरोपितों के खिलाफ आईटी अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज होना चाहिए. इसके अलावा अलग आरोपितों के तार देश से बाहर से जुड़े हैं और पैसे का लेनदेन विदेशी खातों में हो रहा है. इस तरह यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ जाता है. ऐसे में आरोपितों के खिलाफ रासुका अधिनियम की धाराओं में भी मामला दर्ज होना चाहिए."