कोरबा : पृथ्वी एक परिवार, Help Girl Child और NATION FIRST का संदेश लेकर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी पूर्व वायुसैनिक बलराम नाथ साइकिल से भारत भ्रमण पर निकले हैं. इस यात्रा में बलराम नाथ 7000 किलोमीटर की लंबी यात्रा पूरी करेंगे. जिसमें से वो 4000 किलोमीटर तय कर चुके हैं. पंजाब, यूपी और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से होते हुए बलराम छत्तीसगढ़ के कोरबा पहुंचे. जहां उन्होंने अपनी यात्रा का उद्देश्य बताया.
कब शुरु की थी यात्रा :कोरबा में बलराम नाथ ने अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि लेह (लद्दाख) से अपनी यात्रा 15 अगस्त को शुरु की थी. जम्मू एंड कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पठानकोट, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के रास्ते भारत और बांग्लादेश से पूर्वोत्तर के राज्यों से होते हुए अपने घर सिलीगुड़ी पहुंचेंगे. जहां उनका अंतिम पड़ाव होगा. बलराम ने ये भी बताया कि यह उनकी पहली यात्रा नहीं है, इसके पहले भी वो इस तरह की साइकिल यात्रा कर चुके हैं. लेकिन इस बार वह कुल 7000 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.
साइकिल चलाकर दे रहे बड़ा संदेश (ETV Bharat Chhattisgarh)
भारत भ्रमण पर निकले रिटायर्ड वायु सैनिक (ETV Bharat Chhattisgarh)
क्या है यात्रा का उद्देश्य : बलरामअपनी यात्रा बेटियों की शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण को लेकर शुरु की है. बलराम पहले वायुसेना से रिटायर्ड हुए. फिर कुछ समय रेलवे में सेवा दी. इसके बाद भारत भ्रमण का सकल्प लिया. बलराम अब सूरजपुर होते हुए अंबिकापुर और फिर रांची की ओर प्रस्थान करेंगे. इसी के साथ वो पर्यावरण को बचाने का संदेश भी दे रहे हैं.
भारत भ्रमण पर निकले रिटायर्ड वायु सैनिक (ETV Bharat Chhattisgarh)
भारत भ्रमण पर निकले रिटायर्ड वायु सैनिक (ETV Bharat Chhattisgarh)
हमें अपने पर्यावरण को बचाना होगा.क्योंकि इसके बिन जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती.हमें बिजली, पानी,जंगल और भोजन को बचाना होगा.हमें खाना नहीं बर्बाद करना चाहिए.क्योंकि भले ही हमनें उसके लिए पैसे नहीं खर्च किए हो,लेकिन उस अनाज को उगाने में किसी ने पसीना बहाया है- बलराम नाथ, साइकिल यात्री एवं पूर्व वायु सैनिक
150 बच्चियों को पढ़ा रहे बलराम :बलराम ने बताया कि सिलीगुड़ी में उनकी एक संस्था है. जिसके माध्यम से वो 150 ऐसी बेटियों की शिक्षा का खर्च उठा रहे हैं, जो आर्थिक तौर पर शिक्षा ग्रहण करने में सक्षम नहीं है. पिछले 10 वर्ष से 150 बेटियों के पढ़ाई का खर्च संस्था ही उठा रही है. बलराम के मुताबिक आगे प्रयास यही रहेगा कि बेटियों को बेहतर शिक्षा दी जाए, नारी सशक्तिकरण के बिना समाज का विकास संभव ही नहीं है.