पटना:पूरे बिहार में सरकारी स्कूल के बच्चों को उनकी रिपोर्ट कार्ड के साथ पुरस्कार भी दिया जा रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के तमाम प्रारंभिक और मध्य विद्यालयों में सोमवार को दीक्षांत समारोह मनाया गया. इसको लेकर विद्यालयों में बच्चों के साथ अभिभावकों की मीटिंग बुलाई गई. अभिभावकों के सामने बच्चों का एनुअल रिपोर्ट कार्ड दिया गया. इसके अलावा सभी कक्षा में टॉप थ्री पोजीशन में जगह पाने वाले विद्यार्थियों को मेडल से सम्मानित किया गया.
दीक्षांत समारोह में बच्चों को दिया गया रिपोर्ट कार्ड:पटना के बिहारी साव लेन स्थित मुरादपुर मध्य विद्यालय में दीक्षांत समारोह के मौके पर सैकड़ों की संख्या में विद्यालय के विद्यार्थी और उनके अभिभावक शामिल हुए. कुछ अभिभावकों ने मंच से शिक्षा विभाग की इस पहल की सराहना की और विद्यालय में बच्चों के शिक्षा को लेकर अपनी सुझाव भी दिये. इस मौके पर डीपीओ सह प्रभारी बीओ कंचनमाला ने बच्चों को मेडल पहनते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी.
"शिक्षा विभाग कि यह बेहद खूबसूरत पहल है. विद्यालय में हर शनिवार को पेरेंट्स मीट होता है लेकिन विद्यालय में इस प्रकार पहले कभी बच्चों और अभिभावकों के बीच एनुअल रिपोर्ट कार्ड का वितरण नहीं हुआ था. विद्यालय में इस बार 25 जोड़े बेंच शिक्षा विभाग की ओर से उपलब्ध हुए हैं और सभी की गुणवत्ता है इसके अलावा कुछ कक्षाओं में बच्चों को बैग किट भी उपलब्ध हुआ है और बाकी कक्षाओं में भी उपलब्ध हो जाएगा. इस बार विद्यालय में बच्चों का रिजल्ट बहुत बेहतर रहा है और सभी बच्चे सफल हुए हैं."- संजीव कुमार सिंह, प्राचार्य, मुरादपुर मध्य विद्यालय
सभी शिक्षकों का मिल रहा सहयोग:छात्र मोहम्मद अरमान ने बताया कि विद्यालय में काफी अच्छी पढ़ाई होती है. अक्सर अभिभावकों को भी मीटिंग के लिए बुलाया जाता है. वह अच्छे से पढ़ लिखकर एयरफोर्स में ऑफिसर बनना चाहते हैं. वहीं तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले छात्र रवि कुमार ने बताया कि विद्यालय में काफी अच्छी पढ़ाई होती है और सभी शिक्षक काफी सहयोग करते हैं. कुछ भी डाउट होता है तो वह आसानी से शिक्षक से पूछ लेते हैं. वह पढ़ लिखकर एक डॉक्टर बनना चाहते हैं.
अभिभावक ने की शिक्षा विभाग के पहल की सराहना: छात्र मोहम्मद अरमान के पिता मोहम्मद आफताब ने शिक्षा विभाग के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि विद्यालय की यह बहुत ही खूबसूरत पहल है कि पेरेंट्स मीट करके बच्चों का एनुअल रिपोर्ट कार्ड दिया गया है. अभिभावक और शिक्षक के बीच इससे घनिष्ठता होगी और इससे बच्चों का शिक्षा बेहतर होगा. अभिभावक भी बच्चों की कमजोरी को शिक्षकों के पास आसानी से रख पा रहे हैं और शिक्षक भी उसे पर काम कर रहे हैं.