7 महीनों के बावजूद स्केटिंग रिंग में रिनोवेशन अधूरा (Etv Bharat) चंडीगढ़: खेलों के महाकुंभ ओलंपिक का खुमार ऐसा है कि देश-दुनिया का हर खेल प्रेमी अपने-अपने पसंदीदा खेल के चैंपियनों को जीतता देखना चाहता है. देश के चैंपियन ओलंपिक 2024 में कड़ी मशक्कत कर सोने का तमगा हासिल करने की जद्दोजहद में जुटे हैं. लेकिन मामला देश की उस खेल व्यवस्था से जुड़ा है, जिसे देखकर सवाल उठ खड़ा होता है कि आखिर अव्यवस्थाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर के चैंपियन कैसे तैयार हो सकेंगे. मामला जुड़ा है चंडीगढ़ सेक्टर-10 स्थित स्केटिंग की नर्सरी के इंडोर स्केटिंग रिंग की अधूरी रिनोवेशन से.
7 महीने से रिनोवेशन अधूरा: चंडीगढ़ सेक्टर-10 में मौजूद एकमात्र इंडोर स्केटिंग रिंग 'नर्सरी' की रेनोवेशन जनवरी 2024 में शुरू की गई. लेकिन अगस्त तक भी उसका काम अधूरा है. अभी तक स्केटिंग रिंग परिसर में फॉल सीलिंग, फर्नीचर के अलावा बिजली का भी आधा-अधूरा काम पूरा हो पाया है. जबकि रिंग की इमारत की फर्श और छत का काम होना शेष है.
60 लाख की आई लागत : स्केटिंग रिंग की रिनोवेशन का काम रूक-रूक कर आगे खिसक रहा है. बताया गया कि अभी तक के कामकाज पर 60 लाख रुपए का खर्च आ चुका है. बावजूद इसके इमारत की छत और फर्श तक का अति आवश्यक काम अभी भी होना बाकी है. रेनोवेशन का काम पूरा होने के बाद भी स्केटर्स इस साल किस महीने में प्रैक्टिस शुरू कर सकेंगे, इस बारे फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता.
250 स्केटर्स में से केवल गिनती के बचे: चंडीगढ़ के इस स्केटिंग रिंग की सदस्यता हर साल लगभग 200-250 स्केटर्स लेते हैं. इनमें हर साल करीब 150 नए स्केटर्स शामिल होते हैं और शेष बीते सत्र के होते हैं. लेकिन चिंता यह है कि इस साल नया सत्र शुरू नहीं होने और रिनोवेशन का काम लंबे समय से जारी होने के कारण स्केटिंग रिंग में केवल 35-50 स्केटर्स ही बचे हैं. प्रत्येक वर्ष अप्रैल महीने में नया सत्र शुरू होता है. जबकि इस साल जनवरी में शुरू हुआ रिनोवेशन का काम शुरू अब तक जारी होने से नया सत्र शुरू नहीं हो सका.
आउटडोर स्केटिंग रिंग से 50 लाख का घाटा: चंडीगढ़ सेक्टर-10 के इस स्केटिंग रिंग में इंडोर स्केटिंग रिंग के अलावा आउटडोर स्केटिंग रिंग भी मौजूद है. लेकिन खेल विभाग द्वारा इसे लंबे समय से खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए नहीं सौंपा गया है. स्केटिंग के एक्सपर्ट्स के अनुसार इसका कारण बेन ट्रैक (स्पीड ट्रैक) का सही निर्माण नहीं होता है. इस स्पीड ट्रैक को 200 फुट का बनाया जाता है. लेकिन जगह कम होने से इसे 180 फुट में बनाया गया.
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