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हाईकोर्ट से कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और पूर्व मेयर अभिलाषा को राहत, दर्ज मुकदमे की कार्यवाही पर रोक - ALLAHABAD HIGH COURT ORDER

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव में बलवा करने के आरोप में लंबित मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगायी.

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कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनकी पत्नी अभिलाषा (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 8, 2025, 7:10 PM IST

Updated : Jan 8, 2025, 7:25 PM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनकी पत्नी पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी को राहत देते हुए 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मुट्ठीगंज थाने में दर्ज मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने नंदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह, मोहम्मद ख़ालिद व विनीत विक्रम और सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता एके संड को सुनकर दिया है.

कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में नंदी व उनकी पत्नी पर बलवा करने और पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ करने के आरोप हैं. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है. स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए प्रयागराज ने आरोप से डिस्चार्ज करने की अर्जी खारिज कर दी, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

संभल के मंदिर मस्जिद विवाद के मुकदमे की सुनवाई पर रोक, चार सप्ताह में जवाब तलब
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल के मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर वहां चल रहे मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने संभल की शाही जामा मस्जिद की इंतजामियां कमेटी की निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को दिया. कोर्ट ने याचिका पर सभी पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने और याची से उसके दो सप्ताह बाद प्रत्युत्तर शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 25 फरवरी की तारीख लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शाही जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की ओर से दाखिल इस याचिका के अनुसार संभल की अदालत में गत 19 नवंबर को हरिशंकर जैन व अन्य की ओर से दीवानी मुकदमा दाखिल किया गया. मुकदमे में शाही जामा मस्जिद के स्थान को पूर्व में मंदिर होना बताया गया. अदालत ने इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए मौके का सर्वे का आदेश दिया था. गौरतलब है कि 24 नवंबर को इसी सर्वे को लेकर हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी.

याचिका में संभल की जिला अदालत में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए उसकी सुनवाई रद्द किए जाने की मांग की गई है. याचिका में मुख्य रूप से एक ही दिन में दीवानी मुकदमा दाखिल किए जाने, उस पर तुरंत सुनवाई किए जाने और सर्व आदेश होने के साथ ही सर्वे का काम भी शुरू किए जाने को आधार बनाया गया है. कहा गया है कि सर्वे की वजह से एक पक्ष को बड़ा नुकसान हो रहा है. साथ ही अदालत के सर्वे आदेश की आगे की प्रक्रिया पर रोक लगाने की भी मांग की गई है.

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Last Updated : Jan 8, 2025, 7:25 PM IST

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