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नेता, अफसर और मीडिया कर्मियों के साथ संबंध, ...पुलिस पूछताछ में रवि काना ने खोले कई राज! - Mafia Ravi Kana Arrested

स्क्रैप माफिया रवि काना को पुलिस ने पांच दिन की रिमांड के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. पुलिस पूछताछ में रवि काना ने संरक्षण देने वाले कई लोगों के नाम बताए हैं, जिनमें नेता, अफसर और मीडियाकर्मी शामिल हैं.

रवि काना का नेता, अफसर और मीडिया कर्मियों के साथ संबंध
रवि काना का नेता, अफसर और मीडिया कर्मियों के साथ संबंध (Etv Bharat reporter)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 7, 2024, 10:26 PM IST

Updated : May 7, 2024, 10:32 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:गैंगस्टर एक्ट और सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी स्क्रैप माफिया रवि काना ने रिमांड अवधि के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. स्क्रैप के अवैध कारोबार में लखनऊ के शराब माफिया सहित कई लोगों की मदद करने की बात रवि काना ने कबूली है. कई पुलिस अधिकारियों और मीडिया से जुड़े लोगों द्वारा संरक्षण मिलने की बात स्वीकार किया है. इस कबूलनामे से कई लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली है.

दरअसल, बीते दिनों स्क्रैप माफिया रवि काना और उसकी महिला मित्र काजल झा को थाइलैंड से गिरफ्तार किया गया था. रवि को पुलिस ने पूछताछ के लिए पांच दिन की रिमांड पर लिया था. काजल झा ने भी एक दिन की रिमांड के दौरान कई चौकाने वाले खुलासे किए. रिमांड अवधि के दौरान रवि काना से जब पूछा गया कि वह किस-किस कंपनियों से स्क्रैप और सरिया खरीदता व बेचता था.

इस पर उसने पुलिस को एलजी और ओप्पो समेत कुल 17 ऐसी कंपनियों की जानकारी दी है, जहां से वह जबरन स्क्रैप खरीदता था. साथ ही उसने सिकंदराबाद, गाजियाबाद, पंजाब और गजरौला में स्थित कुल छह ऐसी कंपनियों की जानकारी पुलिस को दी है, जहां स्क्रैप को बेचता था. जिन कंपनियों से वह स्क्रैप खरीदता था, ज्यादातर कंपनियां कासना, सूरजपुर और इकोटेक सहित अन्य जगहों पर स्थित है.

रवि ने ऐसे चढ़ी अपराध की सीढ़ी:रवि काना से जब पुलिस ने पूछा कि अवैध कारोबार में उसे किसका संरक्षण हासिल था तो उसने कई चौकाने वाले खुलासे किए. उसने कहा कि लखनऊ के एक शराब माफिया से उसके संबंध थे. अवैध कारोबार में उसने काफी मदद की. पहले रवि ने सरिया का कारोबार शुरू किया. बाद में प्रभावशाली लोगों के कहने पर उसने स्क्रैप का कारोबार शुरू किया.

सरंक्षण के सवाल पर उसने कहा कि शुरू में अवैध कार्यों को करने के लिए किसी का संरक्षण प्राप्त नहीं था. जब अवैध धंधा चल निकला तो रवि अपनी भाभी को किसी न किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़वा देता था ताकि राजनैतिक लाभ लिया जा सके. उसने यह बात भी स्वीकार की कि वह मीडिया जगत से जुड़े कई लोगों को हर महीने पैसा भिजवाता था. बड़े पत्रकारों से स्क्रैप माफिया स्वयं संपर्क करता था. जबकि, अन्य को साथी की मदद से रकम भिजवाता था. इसके एवज में सकारात्मक और नकारात्मक खबरें लिखी और चलवाई जाती थी.

कई चालकों और खलासी की हुई हत्या:पूछताछ में स्क्रैप माफिया ने बताया कि खबरों से उसे धन उगाही, व्यापारी को डराने और टेंडर लेने में आसानी हो जाती थी. कई मीडियाकर्मियों के नाम उसने पुलिस को बताए जो उसके लिए लाइजनिंग का काम करते थे. उसने यह भी कबूला कि उसके बेहद करीबी आजाद समेत अन्य साथियों ने कई ट्रक चालकों और खलासी की हत्या की और कराई. इसे किसी तरह से मैनेज कर लिया गया. उसने कई पुलिस अधिकारियों के नाम भी पूछताछ के दौरान बताए हैं, जिनकी पूर्व में जनपद में तैनाती रह चुकी है.

बचपन से था बदमाशी का शौक:रवि ने बताया कि उसे बचपन से ही बदमाशी का शौक था. लोगों को डराने, धमकाने और पीटने में उसे मजा आता था. 2013 में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और एक गिरोह बना लिया. गिरोह से तरुण, अवध उर्फ बिहारी उर्फ अमर सिंह, महकी उर्फ महकार, अनिल, आजाद नागर, विकास नागर, अफसार अली, राशिद अली, विक्की, अमन, विशाल, प्रहलाद, राजकुमार और काजल झा को शामिल किया गया. बाद में रवि की पत्नी मधु भी गिरोह का हिस्सा बन गई.

इन्हें भी बेचता था सरिया और स्क्रैप:रवि के अनुसार, वह मोदीनगर के दीपक गुप्ता और गौरव गुप्ता तथा गुरुग्राम के राय सिंह को भी सरिया और स्क्रैप बेचता था. रवि ने सबसे पहले प्राइम प्रेसिंग टूल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई. इसके बाद कई अन्य कंपनियां बनाई गई. इसके बाद निर्माणाधीन साइटों पर जाने वाले सरियों के ट्रकों को रोककर चालक से मिलीभगत करके सरिया उतरवाने लगे. साथ की साइट के मैनेजर को डरा धमकाकर स्टोक बुक में पूरा वजन अंकित कराने का काम होने लगा.

उतारे गए अवैध सरिया को फिर बाजार भाव में बेचा जाने लगा. धीरे-धीरे बड़ी कंपनियों से निकलने वाले स्क्रैप का ठेका कंपनियों के मालिकों को डरा धमकाकर बाजार भाव से एक से दस प्रतिशत न्यूनतम रेट पर टेंडर प्राप्त करने लगा. साथ ही दूसरे ठेकेदार और कंपनी की ओर से अगर टेंडर डाला जाता तो गिरोह के सदस्य डरा धमकाकर जबरन टेंडर लेने लगे.

लेता था मुनाफे का बड़ा हिस्सा:धीरे-धीरे रवि ने अपना ओहदा इतना बढ़ा लिया कि सरिया और स्क्रैप का कोई भी काम उसकी मर्जी के बिना नहीं होता. जो उसके संरक्षण में काम करता था उसे लाभ का आधा हिस्सा देना पड़ता था. उसने यह भी बताया कि काजल झा द्वारा जो मकान का एग्रीमेंट किया गया था, उस एग्रीमेंट में 14 लाख रुपये भी इसी अवैध कारोबार के कमाए हुए उसे दिए गए थे.

इससे पहले भी पुलिस माफिया की करीब ढाई सौ करोड़ की संपत्ति कुर्की कार्रवाई कर चुकी है. पुलिस ने काजल व रवि के बयानों का मिलान कराया है. पुलिस ने दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी. इसके बाद दोनों से अलग-अलग पूछताछ हुई थी. इसके चलते दोनों के बयान मिलान करवाए गए हैं, जिनमें कुछ विरोधाभास पाया गया है. जबकि, कुछ में दोनों ने एक जैसी जानकारियां दी है.

पांच करोड़ की और संपत्ति की मिली जानकारी:स्क्रैप माफिया को पुलिस ने पांच दिन की रिमांड के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. पुलिस पूछताछ में माफिया गैंग को संरक्षण देने वाले जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन्हें केस डायरी में शामिल किया जाएगा. पुलिस पूछताछ में माफिया की पांच करोड़ से अधिक की और संपत्ति की जानकारी मिली है. पुलिस को इन सम्पतियों से जुड़े कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें सत्यापित कर अवैध संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस पूछताछ में स्क्रैप माफिया रवि काना और काजल से अवैध संपत्ति से जुड़ी जानकारियां मिली है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि गैंगस्टर काजल ने सेक्टर सिग्मा में दो मंजिला कोठी का सौदा तय कर लिया था. हालांकि, अभी इसकी अभी रजिस्ट्री नहीं हुई थी. पुलिस का दावा है कि पूछताछ में पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति की जानकारी मिली है. इनसे संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच करवाई जा रही है. इन अवैध सम्पतियों का पता लगाकर गैंगस्टर एक्ट में कुर्क किया जाएगा.

Last Updated : May 7, 2024, 10:32 PM IST

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