नई दिल्ली : दिल्ली में बनी नई सरकार और नवनियुक्त मुख्यमंत्री व मंत्रियों के लिए अब सरकारी आवास की तलाश शुरू हो गई है. दिल्ली में अधिकृत रूप से कोई मुख्यमंत्री आवास नहीं है, इसलिए जब भी सत्ता परिवर्तन हुआ है तब यहां मुख्यमंत्री आवास का पता बदलता रहा है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बीते दो दिनों से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली सचिवालय में अलग-अलग विभागों के साथ बैठक कर रही हैं. फिलहाल वह शालीमार बाग स्थित अपनी निजी आवास में ही रह रही हैं. उनको मिलने वाला सरकारी आवास अभी तय नहीं हो पाया है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा कह चुके थे कि उनकी सरकार बनेगी तो उसका सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा तैयार कराए गए शीशमहल में नहीं रहेगा. अब रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री बन गई है तो उन्होंने भी स्पष्ट कर दिया है कि उस विवादित बंगले में वह नहीं रहेंगीं. उसके निर्माण में हुई अनियमिताओं की जांच चल रही है. ऐसे में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को सरकारी आवास के लिए कुछ विकल्प दिए हैं. जिसमें सिविल लाइन स्थित सरकारी बंगले, दरियागंज रोड पर स्थित बंगले और मथुरा रोड पर स्थित बंगले शामिल हैं. हालांकि मुख्यमंत्री किस सरकारी आवास में रहेंगी यह अंतिम फैसला उनका होगा.
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दिल्ली में अन्य राज्यों की तरह मुख्यमंत्री व मंत्रियों के रहने के लिए कोई स्थाई सरकारी आवास चिन्हित नहीं है, ऐसे में जब भी सत्ता परिवर्तन हुआ है तो उसके बाद सरकारी आवास का आवंटन बड़ा मुद्दा होता है. आम आदमी पार्टी सरकार में के तमाम मंत्री राज निवास रोड स्थित लोक निर्माण विभाग के सरकारी बंगले में ही रह रहे थे. क्योंकि वहां से दिल्ली विधानसभा नजदीक है. ऐसे में अभी तक अधिकांश मंत्री सिविल लाइंस स्थित बंगले में ही रहते आए हैं. 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में बीजेपी की वापसी हुई है तो मुख्यमंत्री और मंत्री अभी अपनी सुविधा अनुसार रहने के लिए बंगला तय करेंगे. बता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार में मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल वर्ष 2013 में जब पहली बार सीएम बने थे तब वह तिलक मार्ग स्थित सरकारी आवास में रह रहे थे. वर्ष 2015 में जब पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी तब वह सिविल लाइन के फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी बंगले में शिफ्ट हुए और इस सरकार के कार्यकाल में उन्होंने उस बंगले में सौंदर्यीकरण का काम कराया, जो विवादों में है. अरविंद केजरीवाल से पहले दिल्ली की लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित मोतीलाल नेहरू स्थित सरकारी आवास में रहती थीं.
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