JEE MAIN में परफेक्ट स्कोरर आदित्य की मां की स्टूडेंट से अपील. कोटा.नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने बुधवार को जेईई मेन पहले सेशन के परिणाम के साथ 100 परसेंटाइल लाने वाले विद्यार्थियों की सूची भी जारी कर दी. इसमें कोटा से कोचिंग कर रहे आदित्य कुमार भी शामिल हैं. उन्होंने 300 में से 300 अंक लेकर आए हैं. आदित्य के मां मीनू प्रभा कोटा में ही रहकर कोचिंग करवा रही थीं. मीनू प्रभा स्टार्टअप के लिए भी वर्क फ्रॉम होम के जरिए काम कर रही थी.
आदित्य की मां मीनू प्रभा का कहना है कि "पेरेंट्स को भी मैं सजेस्ट करती हूं कि अपने बच्चों को सुनना काफी जरूरी है. उनके साथ क्या प्रॉब्लम हो रही है. कोटा में कंपटीशन बहुत है, लेकिन यह भी बोलना चाहती हूं कि अगर मान लीजिए किसी भी रीजन से बच्चा जेईई अचीव नहीं कर पा रहा है या कम स्कोर ला रहा है, तो लाइफ यहां खत्म नहीं हो जाती. आगे कई सारे ऑप्शन हैं. मेरी बच्चों के लिए यही राय है कि गिव अप ना करें. अपने पर भरोसा करें, फाइट करें और आगे बढ़ें. आप लोगों के पेरेंट्स काफी मेहनत कर रहे हैं. किसी को सक्सेस मिलती है, किसी को नहीं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि लाइफ को खत्म कर लिया जाए. दिमाग में गलत स्टेप उठाने का ख्याल आए तो एक बार पेरेंट्स का चेहरा सोच लें.
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बच्चों को यकीन दिलाएं :मीनू प्रभा का कहना है कि "बच्चों के लिए सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम मां होती है. वे अपने बच्चों को अच्छी तरह से समझती हैं, उसको क्या प्रॉब्लम, कब व कैसे होती है. बच्चा बताए या नही, लेकिन मां उसे देखकर समझ जाती है. आदित्य के साथ भी इस तरह से कई बार एग्जाम में स्कोर कम आने पर प्रॉब्लम हुई है. कई बार वह तनाव में आ जाता था, लेकिन उसकी प्रॉब्लम को सुनकर उसे सपोर्ट व मोटिवेट करती थी और यह यकीन दिलाती थी कि खुद पर भरोसा रखो तुम अचीव कर जाओगे."
कोटा के फैकल्टी से प्रभावित होकर आया :आदित्य का कहना है कि उन्होंने नवीं क्लास में ही तय कर लिया था कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन और एडवांस्ड को फाइट करना है. इसके लिए मेरी तैयारी भी कोटा में काफी अच्छी रही और कोचिंग संस्थान ने भी अच्छा सपोर्ट किया. आदित्य ने कहा कि "मेरे मम्मी पापा के साथ चाचा का भी काफी सहयोग मुझे मिला है. कोटा के बारे में पहले सुना था, लेकिन जूनियर साइंस ओलंपियाड के कैंप में गया तो वहां पर कोटा की फैकल्टी से इंटरेक्शन हुआ. उन्होंने मेरी जिज्ञासा का पूरा जवाब दिया, इसलिए मुझे लगा कि मुझे लर्निंग में जो इंटरेस्ट है, उसे इस तरह की फैकल्टी हैंडल कर पाएगी. इसी से मुझे मोटिवेशन मिला.
एडवांस्ड पर ही फोकस :आदित्य कुमार का कहना है कि उन्होंने पूरा फोकस जेईई एडवांस्ड पर ही किया हुआ था. जेईई मेन की परीक्षा के 1 महीने पहले ही उन्होंने यह तैयारी शुरू की थी. जेईई मेन में एडवांस्ड से थोड़ा सा कम सिलेबस है, लेकिन सवाल ज्यादा पूछे जाते हैं. ऐसे में पूरी तरह से सामंजस्य बैठाते हुए पढ़ाई कर रहे थे. कोटा में अच्छा खासा कंपटीशन है, अधिकांश समय पॉजिटिव माहौल यहां पर रहता है. जब इंटरनल टेस्ट होते हैं तो एक और आधे नंबर से हम ऊपर नीचे हो जाते हैं.
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एस्ट्रोनॉमी में करेंगे एडवांस रिसर्च :आदित्य कुमार का कहना है कि उनका फिलहाल लक्ष्य जेईई एडवांस्ड को क्रैक करना है, इसके बाद मुंबई आईआईटी की कंप्यूटर साइंस ब्रांच से बीटेक करना है. आदित्य ने कहा कि "मैं एस्ट्रोनॉमी में कंप्यूटर साइंस के जरिए रिसर्च करना चाहता हूं. यह काफी बड़ी फील्ड है. डाटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए एप्लीकेशन पर काम करना चाहता हूं. एस्ट्रोनॉमी के मॉड्यूल से सैटेलाइट डाटा को एनालिसिस करना व फ्यूचर इवेंट के बारे में जानकारी देना." आदित्य का कहना है कि "मैं रिक्रिएशन के लिए अपने पुराने दोस्तों या फिर बैचमेट्स से बात करता था. दोस्तों के साथ नीचे बैडमिंटन खेलने या फिर खुले आसमान को देखने से भी मुझे अच्छा लगता था. कभी-कभी म्यूजिक सुनने से भी राहत मिलती थी. इसके अलावा रूम पर बैठकर स्केच भी बनाते थे.
अपने स्टार्टअप के लिए मां ने घर से ही किया काम :आदित्य का पूरा परिवार बिहार के निवासी हैं. उसके पिता प्रकाश कुमार और मां मीनू प्रभा दोनों मैनेजमेंट पास आउट हैं. दोनों पहले बेंगलुरु में आईटी सेक्टर में जॉब कर रहे थे. आदित्य की शुरुआती एजुकेशन बेंगलुरू से ही हुई है. इसके बाद दोनों ने मिलकर एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी पर स्टार्टअप शुरू किया है. प्रकाश कुमार का कहना है कि मीनू प्रभा कोटा में आदित्य के साथ रहने के लिए आ गई और वर्क फ्रॉम होम से ही अपना काम करती हैं. उन्होंने कहा कि बेटे के इस अचीवमेंट से वो काफी खुश हैं. 300 में 300 लाना काफी खुशी की बात है. बच्चे अगर अच्छा कर रहे हैं तो माता-पिता से ज्यादा खुशी किसे हो सकती है.