गिरिडीह: सूबे के सुदूर इलाके में रहने वाले छात्र छात्राओं, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, राज्य सरकार के पेंशन से आच्छादित विधवा, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त झारखंड आंदोलनकारियों को बस भाड़ा में शत प्रतिशत रियायत देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना शुरू की गई है. यह योजना फरवरी से धरातल पर है और गिरिडीह में इस योजना के तहत दो बस का परिचालन किया जा रहा है.
एक बस गावां के पसनौर से गिरिडीह तो दूसरी बस तिसरी के जलगोड़ा से गिरिडीह चल रही है. दोनों बस हर रोज चल रही है. इन बसों के परिचालन से लोगों को कितना फायदा हो रहा है इसकी पड़ताल की गई. शुक्रवार को जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी के साथ ईटीवी भारत की टीम बस पर पहुंची और यात्रियों से जानकारी ली. इस दौरान कई लाभुक मिले जिन्हें योजना का लाभ मिल रहा था. वहीं पड़ताल में कुछ त्रुटियां भी मिली. त्रुटियों को दूर करने का भरोसा जिला परिवहन पदाधिकारी ने दिया.
लाभार्थियों ने कहा बेहतर है योजना
यहां सफर कर रहे यात्री वृद्ध कमल साहू ने बताया कि योजना अच्छी है और उन्हें लाभ मिल रहा है. कहा कि उन्हें गावां से गिरिडीह आने जाने में 240 रुपया खर्च होता था लेकिन इस बस से सफर करने से उन्हें बचत हो रही है. इसी तरह गावां से बस पर बैठे बासुदेव सिंह ने बताया कि उन्हें भी किराया नहीं देना पड़ा. जबकि विद्यार्थी सरिता कुमारी ने कहा कि उसे भी इस बस पर किराया नहीं लगता है.
छानबीन में मिली त्रुटि
इस दौरान गावां से चल रही बस में सफर कर रहे वरिष्ठ नागरिक चन्द्रिका प्रसाद यादव ने कुछ कमियां गिनायी. बताया कि 31 मई को वे गावां से गिरिडीह पहुंचे. आते वक्त किराया नहीं लगा. जब गिरिडीह से वापस जाने के लिए इस बस पर वे सवार होने लगे तो उनसे किराया मांगा गया. उन्होंने जब कहा कि वे वरिष्ठ नागरिक हैं और सब्सिडी उन्हें मिलनी चाहिए तब जाकर उनका किराया माफ किया गया लेकिन उनके साथ चल रहे दो तीन बुजुर्ग से किराया ले लिया गया. चंद्रिका की बात को डीटीओ ने नोट किया और यह भरोसा दिया कि आगे से ऐसी शिकायत नहीं आएगी.
क्या है पूरी योजना
निरीक्षण करने के दरमियान ही जिला परिवहन पदाधिकारी ने योजना की विस्तृत जानकारी मुहैया करायी. बताया कि यह योजना न सिर्फ निजी बस संचालकों को प्रोत्सहित करने के लिए बनायी गई बल्कि छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों, बीमार एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को हॉस्पिटल अथवा सरकारी कार्यालय तक, किसानों के उपज को मुख्यालय स्थित बाजारों तक पहुंचाने में सुविधा देने के लिए सरकार ने बनायी है.
ग्रामीण मार्ग की परिभाषा
जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण मार्ग का मतलब ऐसा मार्ग जो किसी ग्राम या नगर को दूसरे ग्राम या नगर से अथवा ग्राम को प्रखंड या अनुमंडल से जोड़ता हो. जिसमें साधारण मार्ग राष्ट्रीय उच्च पथ एवं राज्य उच्च पथ (नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे) का 50 प्रतिशत या 30 किलोमीटर मार्ग का अंश, दोनों में से जो भी कम हो, से अधिक सम्मिलित ना हो तथा ऐसे मार्गों का निर्धारण मोटरयान अधिनियम 1988 के अंतर्गत किया गया हो. वर्तमान योजना अंतर्गत ग्रामीण मार्ग की अधिकतम तय की जाने वाली लंबाई 125 किलोमीटर है.
इच्छुक बस संचालकों को दिए जाने वाले लाभ
बताया कि इस योजना के तहत बस संचालक को केवल एक-एक रुपया में ही सभी परमिट शुल्क, आवेदन शुल्क, फिटनेस शुल्क, निबंधन शुल्क का लाभ मिलेगा. वहीं रोड टैक्स निशुल्क रहेगा. इतना ही नहीं वाहन संचालक को ब्याज सब्सिडी भी मिलेगी. 20 प्रतिशत मार्जिन मनी के ऊपर बैंक द्वारा लोन की सुविधा तथा 80000 रुपये वार्षिक यानी 5 सालों में कुल 4 लाख तक ब्याज सब्सिडी दी जायेगी. इसी तरह डीजल सब्सिडी भी दी जायेगी.