गोरखपुर: लोकसभा चुनाव 2024 में गोरखपुर संसदीय सीट बेहद खास सीटों में शुमार है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए इसकी जीत नाक का सवाल है. फिलहाल जो इस सीट पर मौजूदा समय में चुनावी माहौल दिखाई दे रहा है. उसके मुताबिक, यहां त्रिकोणी लड़ाई में भाजपा, सपा और बसपा मैदान में डटे हैं.
गोरखपुर में त्रिकोणीय बना चुनाव. (VIDEO CREDIT ETV BHARAT) भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा सांसद, फिल्म स्टार रवि किशन शुक्ला जहां मोदी योगी के 5 साल के कार्यकाल में गोरखपुर में किए गए विकास को आधार बनाकर, जनता के बीच अपने लिए वोट की अपील कर रहे हैं.
वहीं, सपा और बसपा के प्रत्याशी रवि किशन पर बाहरी होने का आरोप लगा रहे हैं. सपा प्रत्याशी काजल निषाद और बसपा प्रत्याशी जावेद सिमनानी कहते हैं कि गोरखपुर के लोग रवि किशन को पहचानते तक नहीं है. उन्होंने गोरखपुर के लिए कुछ किया भी नहीं. वह बाहरी हैं. हम स्थानीय हैं.
बसपा प्रत्याशी के जावेद कहते हैं कि वह गोरखपुर में पले, बड़े, यहां की छात्र राजनीति से बाकी राजनीति को समझे हैं. ऐसे में जनता इस बार रवि किशन को इस बार बाहर का रास्ता दिखाएगी और स्थानीय प्रत्याशी को जीत दिलाएगी.
सपा की काजल निषाद और बसपा के जावेद सिमनानी दोनों कहते हैं कि भोजपुरी फिल्म सिटी बनाने का रवि किशन का वादा कहा गया. सब झूठ निकला. बाहर से आकर इन्होंने गोरखपुर की जनता को ठगने का काम किया है. गोरखपुर में घर बनवा लेने से गोरखपुरी नहीं हो जाएंगे. जनता उन्हें अबकी बार बाहर का रास्ता दिखाएगी.
वहीं, रवि किशन ने इस मुद्दे पर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को जवाब देते हुए कहा कि गोरखपुर के लोगों के खातिर ही वह मुंबई छोड़कर यहां बस गए. अपना पक्का घर बना लिया. 5 साल में जितना गोरखपुर में दौड़ा, लोगों से मिला और यहां की आवाज संसद में उठायी, उसका नतीजा था कि उत्तर प्रदेश का नंबर वन का सांसद चुना गया.
रवि किशन कहा था कि 500 सवालों को संसद में उठाकर एक रिकॉर्ड कायम किया. हमें कम पढ़ा लिखा कहा जाता था, लेकिन नारकोटिक्स से लेकर जनसंख्या नियंत्रण बिल जैसे मुद्दे को संसद में उठाया. उनके ऊपर सवाल उठाने वाले भले ही ज्यादा पढ़े लिखे हो सकते हैं, लेकिन, समाज ऐसे पढ़े-लिखों को भी जानता है, जो पगला होते हैं. जिन्हें कोई समझ नहीं होती. वह क्या बोलते हैं.
रवि किशन ने कहा, गोरखपुर का चौतरफा विकास उन्हें मोदी जी और योगी जी के नेतृत्व में दिखाई नहीं दे रहा, तो उनकी आंखों पर पर्दा पड़ा है. रवि किशन के लिए कुछ अलग से करने के लिए नहीं था. जो सड़क, नाला, फोरलेन की कनेक्टिविटी गोरखपुर को मिली है. वह योगी जी के निर्देश पर उनके प्रस्ताव को, भारत सरकार से स्वीकृति मिली है. वह राजनीति में जीरो थे. योगी जी ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया. जैसा मार्गदर्शन दिया. वैसा वह केंद्र से योजनाओं को भी गोरखपुर में उतारने में सफल रहे. 2650 करोड़ रुपये से सोनौली बाइपास रोड का निर्माण होने जा रहा है, जो अपने आप में एक बड़ा काम है.
रवि किशन ने कहा, हां यह जरूर है कि गोरखपुर में भोजपुरी फिल्म सिटी बनाने का वह अपना वादा, 5 साल में पूरा नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि यह सपना भी इस बार जरूर पूरा होगा. यह कोई छोटा-मोटा प्रोजेक्ट नहीं है. यह बहुत ही बड़ा और विश्व स्तरीय प्रोजेक्ट है. इसे गोरखपुर की धरती पर योगी जी के आशीर्वाद से उतारकर रहूंगा. मैं जो काम करता हूं, वह पूरी ईमानदारी से करता हूं.
रवि किशन ने कहा, भोजपुरी फिल्म सिटी के यहां बन जाने से बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगारमिलेगा. सिर्फ भोजपुरी ही नहीं पूर्वोत्तर के वह तमाम राज्य असमिया, उड़िया और अन्य भाषाओं के कलाकारों को भी यहां पर शूटिंग करने और अपने फिल्म प्रोडक्शन के लिए अवसर मिलेगा. विरोधी लोग धैर्य रखें. यह भी उनकी आंखों के सामने बनकर तैयार होगा.
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