अलीगढ़ : महाशिवरात्रि पर लोधा थाना क्षेत्र में खेरेश्वर महादेव मंदिर बम भोले के जयकारों से गूंज उठा. मंगलवार शाम से ही मंदिर के बाहर जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग गई.
रात 12 बजते ही श्रद्धालुओं ने महादेव का जलाभिषेक करना शुरू किया. इस दौरान बम बम भोले के नारों से मंदिर परिसर गूंजता रहा. कांवड़ लाने वाले श्रद्धालु यहां अपनी कावड़ चढ़ाते हैं और भोले का जलाभिषेक करते हैं.
सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम: भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किये थे, जिससे शिव भक्तों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. भारी वाहनों का अलीगढ़ में प्रवेश बैन कर दिया गया था.
आरएलडी के पूर्व जिला अध्यक्ष कालीचरण एडवोकेट ने बताया, शिवालयों पर जलाभिषेक करने की पुरानी प्रथा है, जिसमें शिवजी को प्रसन्न करने के लिए जालाभिषेक किया गया था. वह प्रथा आज तक प्रचलित है. आज भी श्रद्धालु दूर दराज से आकर शिवजी को जलाभिषेक करते हैं. मंदिरों पर भक्तों का तांता रात 12 बजे के बाद से ही लगता रहा.
जानिए मंदिर की कहानी: अलीगढ़ शहर से पांच किलोमीटर दूर तहसील कोल के गांव ताजपुर-रसूलपुर में खेरेश्वर मंदिर स्थित है. खेरेश्वर धाम का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा हुआ है. खेरेश्वर मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बड़े भाई बलराम (दाऊजी) महाराज के साथ गंगा स्नान के लिए रामघाट जाते समय यहां विश्राम किया था.
उसी समय श्रीकृष्ण ने खेरेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी. तब से लेकर आज तक सोमवार को यहां सुबह से लेकर शाम तक भक्तों की विशेष भीड़ रहती है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. मंदिर सुंदर वास्तुकला के लिए भी मशहूर है.