रतलाम: स्वामित्व योजना के लिए किए गए ड्रोन सर्वे में कई विसंगतियां और दस्तावेजों से छेड़छाड़ के मामले सामने आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि रतलाम के रियावन ग्राम पंचायत में करोड़ों की जमीन की हेराफेरी का मामला किया गया है. आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन पटवारी और पूर्व सरपंच सचिव ने मिलकर करोड़ों की शासकीय जमीन को अपने रिश्तेदारों और घर वालों के नाम पर करवा दिया है. मामले का खुलासा तब हुआ जब जनपद सदस्य और गांव के स्थानीय लोगों ने प्रमाण के साथ यह मामला राजस्व अधिकारियों के संज्ञान में लाया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पूर्व जनपद अध्यक्ष सुरेश धाकड़, सरपंच संतोष सोनार्थी और गौरव जैन ने शासकीय जमीन हड़पने की शिकायत कलेक्टर रतलाम और जावरा एसडीएम से की. बताया गया कि शिकायत के बाद जांच दल ने गांव जाकर वास्तविक स्थिति देखी. जिसमें करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन को दस्तावेजों में हेराफेरी कर निजी बता दिया गया. मौके पर कई प्लॉट खाली थे और किसी का भी कब्जा नहीं पाया गया. वहीं, कई प्लॉट मालिकों के नाम स्वामित्व अधिकार की सूची से गायब पाए गए.
ड्रोन सर्वे में जमीन के दस्तावेजों से छेड़छाड़ का आरोप (ETV Bharat) पटवारी को किया जा चुका है निलंबित
इस मामले पटवारी अमर सिंह निनामा को पहले ही निलंबित किया जा चुका है वहीं, गांव के 2 कोटवार सहित पूर्व सरपंच और सचिव की भूमिका की भी जांच की जा रही है. स्थानी सरपंच संतोष सोनार्थी ने बताया कि "ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड भी इन लोगों ने गायब कर दिया है. 1995 से लेकर 2010 तक का रिकॉर्ड पंचायत में मौजूद ही नहीं है."
जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी आगे की कार्रवाई
राजस्व विभाग के जांच दल द्वारा मौके पर निरीक्षण किया गया. इस मामले में जावरा एसडीएम त्रिलोचन सिंह गौड़ ने बताया है कि "तात्कालिक गड़बड़ी पाए जाने के बाद पटवारी अमर सिंह निनामा को निलंबित किया गया है. 2 कोटवारों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए गए हैं." वहीं, कलेक्टर के द्वारा गठित दल की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ऑनलाइन देखी जा सकती है भू अधिकार की सूची
बताया जा रहा है कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन सर्वे में गड़बड़ी केवल एक ग्राम पंचायत में नहीं बल्कि कई जगह पर हुई है. इस योजना के अंतर्गत आपकी संपत्ति का अधिकार आपको प्राप्त हुआ है या नहीं यह जानने के लिए स्वामित्व योजना के अंतर्गत दिए गए भू अधिकार की सूची ग्राम पंचायत में और ऑनलाइन देखी जा सकती है. इसके अलावा आप स्थानीय राजस्व अधिकारी से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.