पन्ना: झालरिया महादेव मंदिर पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित कोर एरिया में स्थित है. इस मंदिर को बंसत पंचमी के आसपास वर्ष में एक बार आम जनता के लिए खोला जाता है. इस दौरान लोग बड़ी संख्या में भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, इसके साथ ही यहां भंडारे का भी आयोजन होता है. इस वर्ष यह मंदिर 11 फरवरी को आम लोगों के लिए खोला जा रहा है. इस अवसर पर टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा भक्तों को निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है.
दर्शन मात्र से कष्टों से मिलती है निजात
झालरिया महादेव मंदिर दिव्यता और अलौकिकता के लिए प्रसिद्ध है. यहां गुफा के अंदर शिवलिंग स्थित है, जिसमें साल भर प्राकृतिक जल प्रवाहित होता रहता है. किवदंतिया हैं कि इस मंदिर में भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं. मान्यता है कि शिवलिंग के दर्शन मात्र से लोगों को कष्टों से निजात मिल जाता है, यहां जो भी सच्चे मन से मांगता है उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है, ऐसा यहां के लोगों का दावा है. भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए दूर-दराज से बड़े-बूढ़े और बच्चे बड़ी संख्या में हर वर्ष पहुंचते हैं. सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहता है, यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहता है.
भागवत कथा और भंडारे का आयोजन
झालरिया महादेव मंदिर में हर वर्ष बसंत पंचमी के दिन श्रीमद् भागवत कथा की बैठकी शुरू होती है, जो 8 दिनों तक चलती है. इसके समापन के बाद भक्तों द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष भी 11 फरवरी को सामाजिक और धार्मिक संगठनों की देखरेख में भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु शामिल होंगे. सिर्फ 11 फरवरी को ही आम लोगों को जाने की और दर्शन करने की अनुमति मिल रही है.
विशेष दिन और टाइगर रिजर्व में प्रवेश
11 फरवरी को भक्तों को विशेष छूट मिलेगी और वे निःशुल्क पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे. इस दौरान टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों का भी दर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा. हर वर्ष इस दिन श्रद्धालु मंदिर तक पहुंचते समय बाघ एवं अन्य वन्यजीवों को भी आसानी से देख पाते हैं.
![Jhalriya Mahadev temple panna](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-02-2025/jhalariamahadevtemple_10022025205004_1002f_1739200804_355.jpg)
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समिति और प्रशासन तैयारियों में जुटा
भंडारे की तैयारियों को लेकर आयोजन समिति सक्रिय है. भक्तों की सुविधा के लिए प्रशासन और समिति के सदस्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहे हैं. समिति के अनुसार, इस पवित्र दिन पर हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है.