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रवि योग में रामनवमी, यहां देखें सही डेट, मुहूर्त महत्व और पूजा विधि - Ram Navami 2024 Date - RAM NAVAMI 2024 DATE

Ram Navami 2024: चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी का पर्व मनाया जाता है. भगवान राम का जन्म कर्क लग्न में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था. बुधवार, 17 अप्रैल 2024 को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा. रामनवमी के दिन विधि विधान से भगवान श्री राम की पूजा की जाती है, जिसके लिए शुभ मुहूर्त का होना काफी अहम माना जाता है.

रामनवमी 2024
रामनवमी 2024

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 13, 2024, 12:33 PM IST

Updated : Apr 13, 2024, 2:16 PM IST

ज्योतिषाचार्य, शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली :चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी का पर्व मनाया जाता है. रामनवमी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं. त्रेता युग में चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का धरती पर अवतार हुआ था. भगवान राम का जन्म कर्क लग्न में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था. बुधवार, 17 अप्रैल 2024 को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा. रामनवमी के दिन विधि विधान से भगवान श्री राम की पूजा की जाती है. इस दिन घरों में विशेष हवन भी होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राम नाम की जाप करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. रामनवमी पर रामायण और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि का स्थाई वास रहता है. जीवन के अंतिम समय में राम नाम का जाप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
रामनवमी शुभ मुहूर्त

  • चैत्र मास की नवमी तिथि आरंभ: मंगलवार 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 1:23 PM से शुरू
  • चैत्र मास की नवमी तिथि समाप्त: बुधवार 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 3:15 PM पर समाप्त.
  • उदया तिथि के अनुसार रामनवमी का पर्व बुधवार 17 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन रवि योग भी है.

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कैसे करें रामनवमी की पूजा ?
यदि आप रामनवमी के दिन मंदिर जाने में सक्षम हैं तो मंदिर में ही पूजा करें अन्यथा किसी कारणवश आप मंदिर जाने में असमर्थ हैं तो आप घर पर भी पूजा कर सकते हैं. सुबह जल्दी उठ दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहने. घर में राम दरबार की स्थापना करें. राम दरबार में भगवान राम और राम परिवार जिसमें मां सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान हनुमान की मूर्ति की स्थापना करें. राम परिवार का चंदन या होली से तिलक करें. अक्षत, फूल, धूप, दीप, नवैघ आदि पूजन सामग्री अर्पित करें. भगवान राम के बाल स्वरूप का पंचामृत से स्नान करें और झूला झुलाएं. रामनवमी के दिन सुंदरकांड, हनुमान चालीसा श्री राम चालीसा रामायण की चौपाई, राम रक्षा स्तोत्र आदि का पाठ करना विशेष फलदाई बताया गया है.

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Last Updated : Apr 13, 2024, 2:16 PM IST

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