जबलपुर. डॉक्टर्स द्वारा इन दवाओं को इसलिए बांटा जा रहा है जिससे ठंड के मौसम में यदि किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो उसकी जान बच सके. डॉक्टर्स की मानें तो ठंड में खून गाढ़ा होने और कोलेस्ट्रोल (Cholestrol) बढ़ने से अचानक हार्ट अटैक (Heart Attack) की घटनाएं बढ़ जाती हैं और समय पर इलाज नहीं मिलने पर ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है. इन दिनों हार्ट अटैक की घटनाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं, लोगों को दिल की बीमारी का पता नहीं लगता और अचानक हार्ट अटैक आता है. यदि युवावस्था में हार्ट अटैक आता है तो यह अक्सर जानलेवा साबित होता है. कोरोना के बाद युवाओं में यह घटनाएं ज्यादा बड़ गई हैं.
इस तरह बच सकती है जान
अक्सर हार्ट अटैक जब आता है तो आसपास खड़े लोग समझ नहीं पाते कि वे पीड़ित की मदद कैसे करें. जब तक मदद पीड़ित तक पहुंचती है तब तक देर हो चुकी होती है. ऐसी स्थिति में सीपीआर सबसे कारगर इलाज है. यदि किसी को आपके सामने हार्ट अटैक आए तो उसे सीपीआर देना चाहिए. सीपीआर की प्रक्रिया बड़ी सरल है और कोई भी सोशल मीडिया के जरिए भी इसे समझ सकता है. दूसरा तरीका जान बचाने वाली कुछ दवाएं हैं, जो लोगों को अपने पास रखनी चाहिए.जबलपुर के डॉक्टर्स ऐसी ही दवाएं वितरित कर रहे हैं.
राम किट में हैं कौन सी गोलियां?
जबलपुर के डॉक्टर के एक समूह ने हार्ट अटैक में काम आने वाली तीन दवाओं का एक कॉम्बिनेशन तैयार किया है. इसमें सार्बिट्रेट, इकोस्प्रिन और रोजूवास्टेटिन (Rosuvastatin) को शामिल किया गया है. इसे भारतीय जनता पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ ने तैयार किया है, जिसका नाम राम किट (Ram kit) रखा गया है. चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी त्रिवेदी का कहना है कि हार्ट अटैक के मरीज को अटैक आने पर अगर यह तीनों दवाएं दे दी जाती हैं तो मरीज की जान बचाई जा सकती है. इन्हें खाने के बाद हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है और मरीज कम से कम अस्पताल तक पहुंच जाता है, जहां उसे आगे का इलाज मिल जाता है.
बिना सलाह न लें दवाएं
डॉक्टर्स द्वारा इन दवाओं को हार्ट व कोलेस्ट्रॉल वाले पेशेंट्स के दिया जा रहा, वहीं कई पेशेंट नियमित रूप से इनमें से कुछ दवाओं को लेते हैं. इनमें से कुछ दवाएं हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति में दी जाती है इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के इन दवाओं को लेने से बचना चाहिए.