बीकानेर.रामनवमी का पर्व सनातन धर्म में बेहद अहम माना गया है. इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. इसलिए इसे रामनवमी के रूप में जाना जाता है. चैत्र शुक्ल नवमी को भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में प्रभु श्रीराम का धरती पर अवतरण हुआ था और भगवान राम ने भूलोक पर धर्म ध्वजा स्थापित कर अधर्म का नाश किया था. वही, प्रभु ने संयमित जीवन जीते हुए कुल व समाज की मर्यादाओं का पालन किया. यही वजह है कि उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है.
सुफल की प्राप्ति को करें ये काम :रामनवमी पर रामायण और रामरक्षा स्त्रोत का पाठ करने व सुनने से भक्तों का जीवन सफल होता है. पञ्चांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि रामनवमी एक श्रेष्ठ दिवस है. प्रभु राम को अहंकार का ज्ञान था और रावण को ज्ञान का अहंकार था. यही कारण है कि भगवान राम तपस्वी, महापराक्रमी होते हुए भी संयमित रहे. उन्होंने कुल और समाज की रक्षा के लिए हमेशा धर्म मार्ग को चुना और मानव की दानव से रक्षा की.