छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

राम जानकी विवाह, पिछले 45 सालों से निभाई जा रही है यह परंपरा, जानिए - SHRI RAM JANAKI MARRIAGE

राजधानी रायपुर के बनियापारा स्थित गोपीदास राम जानकी मंदिर में विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान राम का जानकी के साथ विवाह कराया गया.

Ram Janaki Vivah
राम जानकी विवाह (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 6, 2024, 6:15 PM IST

रायपुर :राजधानी रायपुर के बनियापारा में गोपीदास राम जानकी मंदिर स्थित है. जहां विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान राम का जानकी के साथ विवाह कराया गया. यहां राम जानकी विवाह की परंपरा पिछले कई सालों चली आ रही है.

राम जानकी विवाह का किया आयोजन :शुक्रवार 6 दिसंबर के दिन भगवान राम का जानकी के साथ विवाह का आयोजन किया गया. राम जानकी विवाह के दौरान महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ विवाह की सभी रस्मों को पूरा किया. इसके साथ ही महिलाएं विवाह से संबंधित गीत गाते हुए भी नजर आई. राम जानकी विवाह के इस आयोजन में पहले बड़े धूमधाम से बारात भी निकाली जाती थी, लेकिन कोविड काल के बाद से बारात निकालने की परंपरा बंद हो गई, जो अब तक शुरू नहीं हो पाई है.

45 सालों से निभाई जा रही राम जानकी विवाह की परंपरा (ETV Bharat Chhattisgarh)

गोपी दास राम जानकी मंदिर में आज से 45 साल पहले महंत राम अभिलाष दास जी ने राम जानकी विवाह का आयोजन शुरू किया था. इस परंपरा का निर्वहन हम लोगों के द्वारा आज किया जा रहा है. राम जानकी विवाह का यह 45वां वर्ष है. राम जानकी विवाह का उत्सव 15 दिनों का होता है, जिसमें 9 दिवसीय आयोजन होता है : महंत राजीव नयन शरण महाराज, गोपीदास राम जानकी मंदिर, रायपुर

विवाह की निभाई जाती है सारी रस्में : महंत राजीव नयन शरण महाराज ने बताया कि राम जानकी विवाह के आयोजन के दौरान नौ दिनों तक अखंड पाठ का आयोजन होता रहा है. 12 घंटे का आयोजन रहता है, जिसमें सुबह 9:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00बजे तक भगवान का श्रृंगार किया जाता है. दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक हल्दी रस्म की परंपरा निभाई जाती है. दोपहर 3:00 से शाम 6:00 बजे तक मानस पाठ का आयोजन. शाम 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक राम जी सीता जी और गोपाल जी का भजन होता है. विवाह के दिन सभी रस्म निभाई जाती है.

राम जानकी विवाह की परंपरा : पिछले 45 सालों से रायपुर के गोपीदास राम जानकी मंदिर में हर साल विवाह पंचमी के दिन राम जानकी विवाह का आयोजन किया जाता है. राम जानकी विवाह की तैयारी 15 दिनों पहले शुरू की जाती है, जिसमें हर दिन नवधा रामायण के साथ ही पूजन पाठन किया जाता है. हर साल अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी विवाह पंचमी के दिन यह आयोजन किया जाता है.

महिलाओं में दिखा जबरदस्त उत्साह : श्रद्धालु सरिता दीक्षित बताती है कि राम जानकी विवाह के आयोजन को लेकर जागृति महिला मंडल की महिलाओं में साल भर उत्साह रहता है. महिलाओं को इस दिन का काफी बेसब्री से इंतजार भी रहता है. सखी मंडल अपने तरफ से कुछ ना कुछ व्यवस्था करते हैं. कोई बिंदी लेकर आता है, कोई मेहंदी लेकर आता है. कोई सुहाग का सामान लेकर आता हैं. इसके साथ ही भगवान श्रीराम के आभूषण जेवर वस्त्र सुगंधित तेल सहित सभी चीजों को इकट्ठा करती है.

राम जानकी का विवाह पूरी सनातन पद्धति से होता है. एक विवाह में जितनी भी रस्म होती है, उन सभी रस्मों का निर्वहन राम जानकी के इस विवाह में किया जाता है. राम जानकी विवाह को लेकर आमंत्रण कार्ड भी बांटा जाता है. अगहन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम का विवाह माता सीता के साथ हुआ था. इस बात की जानकारी लोगों को पहले से रहती है : उमेश अग्रवाल, श्रद्धालु

चंदखुरी में भगवान राम का ननिहाल : राजधानी रायपुर से लगे चंदखुरी में भगवान राम का ननिहाल है. श्रीराम सीता विवाह की त्रेता युग की परंपरा गोपीदास राम जानकी मंदिर में पिछले 45 वर्षों से निभाई जा रही है. इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यह लगभग 250 साल पुराना है. 45 साल पहले दिवंगत महंत अभिलाष दास ने अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन भगवान का विवाह कराने की रस्म निभाई थी. जिसके बाद से लगातार हर साल इस परांपरा को निभाया जा रहा है.

वनरक्षक भर्ती के 120 पदों के लिए फिजिकल टेस्ट शुरू, पहले दिन तकनीकी खामियों ने किया परेशान
बलरामपुर में आर्मी से रिटायर्ड जवान का भव्य स्वागत, 22 सालों तक की देश सेवा
धमतरी में छात्र ने शिक्षकों पर किया चाकू से हमला, एक की हालत गंभीर

ABOUT THE AUTHOR

...view details