नई दिल्ली: सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को इस वित्त वर्ष में फ्यूल बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे सकती है.
ईटी के रिपोर्ट के मुताबिक तीनों फ्यूल रिटेलर ने कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी के बावजूद मार्च 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर अपरिवर्तित रखी है. इसके कारण एलपीजी की बिक्री पर अंडर-रिकवरी हुई और परिणामस्वरूप अप्रैल-सितंबर (वर्तमान 2024-25 वित्तीय वर्ष की पहली छमाही) में उनकी आय में भारी गिरावट आई.
चालू वित्त वर्ष में एलपीजी की बिक्री पर उद्योग को कुल 40,500 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि इसके मुकाबले सरकार दो वित्त वर्षों में कुल 35,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी. सूत्रों ने बताया कि राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेता घरेलू परिवारों को 803 रुपये की मौजूदा कीमत पर 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की बिक्री में लगभग 240 रुपये की अंडर-रिकवरी (या घाटा) कर रहे हैं.
आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 10,000 करोड़ रुपये और शेष 25,000 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष में मिलने की संभावना है. सब्सिडी का प्रावधान 2025-26 के केंद्रीय बजट में किए जाने की संभावना है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेंगी.