रायपुर : भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संबंध में सभी राज्यों को जागरूकता के लिए निर्देश दिया है. छत्तीसगढ़ में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण की निगरानी के लिए एक तकनीकी समिति बनाई गई है.
तकनीकी समिति क्या करेगी : डॉ. एस के पामभोई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय टीम बनाई गई है. यह समिति HMPV को लेकर अपनी राय देगी. यह समिति HMPV के संक्रमण के रोकथाम, बचाव, जागरूकता और आगामी कार्ययोजना के संबंध में जरुरी सुझाव देगी और दिशा निर्देश भी तैयार करेगी.
तकनीकी समिति के सदस्य : इस समिति में संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. एसके पामभोई अध्यक्ष बनाए गए हैं. सदस्य के रूप में उपसंचालक डॉ. खेमराज सोनवानी, उपसंचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, राज्य सलाहकार आईएसडीपी आकांक्षा राणा और राज्य सलाहकार आईएसडीपी चयनिका नाग शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट : एचएमपीवी वायरस से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने एचएमपीवी को लेकर 6 जनवरी सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की अहम बैठक ली. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.
स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी के बाद से ही किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है. विशेषज्ञों की टीम लगातार इस वायरस के बारे में निगरानी रख रही है और इसके लक्षणों एवं प्रभाव के बारे में भी अध्ययन कर रही है. यह वायरस पहले भी रिपोर्ट किया जा चुका है और इससे घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है : श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री
एचएमपीवी वायरस के लक्ष्ण और बचाव : एचएमपीवी वायरस का पूरा नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी वायरस है. एचएमपीवी वायरस के लक्षणों में मुख्य रूप से सर्दी, खांसी, बुखार होता है. ठंड के दिनों में मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है. वहीं, कुछ गंभीर केस में मरीज को निमोनिया और ब्रोंकाइटिस भी इस बीमारी के लक्षणों में से एक हैं. एचएमपीवी वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखें, अपने हाथों को साबुन या सेनेटाइजर से साफ करते रहें, भीड़ वाली जगह से दूरी बनाएं, सर्दी खांसी या बुखार के मरीजों से दूर रहें और सर्दी खांसी के लक्षण मिलने पर फौरन स्थानीय अस्पताल में चेकअप कराएं.