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राजमाता माधवीराजे सिंधिया का अस्थि संचय, जानिए- अस्थि कलश को 9 दिन तक पेड़ पर बांधने की राजसी परंपरा - Rajmata Madhviraje Asthi kalash

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 17, 2024, 1:25 PM IST

राजमाता माधवीराजे सिंधिया का अंस्थि संचय शुक्रवार को राजपुरोहितों की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया. राजसी परंपरा के अनुसार अस्थि कलश को 9 दिन तक पेड़ पर बांधा जाएगा. इसके बाद पवित्र नदियों में इन्हें प्रवाहित किया जाएगा.

Rajmata Madhviraje Asthi kalash
राजमाता माधवीराजे सिंधिया का अस्थि संचय (ETV BHARAT)

राजमाता माधवीराजे सिंधिया का अस्थि संचय (ETV BHARAT)

ग्वालियर। दिवंगत राजमाता माधवीराजे सिंधिया का शुक्रवार सुबह अस्थिसंचय किया गया. उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां राजपुरोहित और विद्वानों की मौजूदगी में श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल हुए. बता दें कि गुरुवार को राजमाता माधवीराजे का अंतिम संस्कार रियासतकालीन अम्मा महाराज की छत्री के परिसर में किया गया था. राजमाता माधवीराजे के निधन के बाद केंद्रीय मंत्री सिंधिया के प्रति अपनी संवेदना जताने बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक और दूरदराज से लोग पहुंचे थे.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया अस्थि संचय

गुरुवार को अंतिम संस्कार के बाद सिंधिया ने सभी के प्रति अपनी कृतज्ञता जताई. कुछ देर रुकने के बाद सिंधिया जयविलास पैलेस के लिए रवाना हो गए. शुक्रवार को कटोरा ताल स्थित अम्मा महाराज की छत्री पर सिंधिया परिवार अस्थि संचय के लिए पहुंचा. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी मां राजमाता की अस्थि संचय की. सिंधिया परिवार के राज पुरोहितों ने राजसी परंपरा के तहत विधिविधान से पूजन कराया. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विधिविधान से पूजन करने के बाद अपनी माता की अस्थियां एकत्रित कीं.

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दसवें दिन नदियों में करेंगे प्रवाहित

तीन कलशों में इन अस्थियों को रखा गया. ये सभी कलश राजसी परंपरा के तहत 9 दिन तक पेड़ पर बांधे जाएंगे. दसवें दिन इन कलशों को देश की विभिन्न नदियों में प्रवाहित किया जाएगा. सिंधिया परिवार के पुरोहित चंद्रकांत शिंदे ने बताया "राजमाता माधवीराजे सिंधिया की अस्थियों को त्रिवेणी संगम यानी प्रयागराज, उज्जैन की शिप्रा नदी, महाराष्ट्र के कनखेड़ की कृष्णा नदी सहित अन्य नदियों में प्रवाहित किया जाएगा. फिलहाल ये अस्थियां मंदिर के पेड़ पर रखी गई हैं, जिसकी निरंतर निगरानी की जाएगी."

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