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"साहब श्मशान बन चुका है हमारा गांव, अब हम यहां नहीं रहना चाहते" राजबन के बाशिन्दों का छलका दर्द - Mandi Disaster - MANDI DISASTER

Rajban Villagers Demand for safe land after Cloudburst: मंडी जिले के राजबन में 31 जुलाई की रात को आई त्रासदी के बाद हर ओर सिर्फ तबाही के निशान मौजूद हैं. यहां पर तीन घर मलबे की चपेट में आ गए थे. जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1 लापता है. यहां के लोग अब डर के साये में रहने को मजबूर हैं और सरकार से सुरक्षित स्थानों पर जमीन दिए जाने की अपील कर रहे हैं.

Rajban Villagers Demand for safe land after Cloudburst
त्रासदी के बाद डर के साये में जी रहे राजबन गांव के लोग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 12:28 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 1:34 PM IST

राजबन गांव के ग्रामीणों ने बताई आपबीती, सरकार से लगाई मदद की गुहार (ETV Bharat)

मंडी:"बादल फटने की घटना के बाद अब हमारा राजबन गांव श्मशान बन चुका है. अब हम यहां रहना नहीं चाहते हैं, लेकिन जाएं तो जाएं कहां कोई रास्ता नहीं दिख रहा है." यह दुख भरी दास्तां हैं बीती 31 जुलाई को बादल फटने की घटना के बाद तबाह हुए मंडी जिले के पधर उपमंडल के राजबन गांव के बाशिन्दों की. बादल फटने की घटना के बाद अब यह क्षेत्र डेंजर जोन में आ गया है. बादल फटने के बाद मची तबाही के बाद यहां 3 घर इसकी चपेट में आए थे, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी, दो घायल हुए थे और एक अभी तक लापता है.

डर के साए में राजबन गांव के लोग

राजबन गांव के लोगों ने तबाही का जो मंजर देखा उसके बाद यहां किसी की भी रहने की हिम्मत नहीं हो रही है. लोग मजबूरी और डर के साये में यहां पर रह रहे हैं. श्याम लाल, नरेश कुमार, जीत सिंह और साजू राम ने बताया, "गांव अब एक तरह से श्मशान प्रतीत हो रहा है. प्राकृतिक आपदा ने जो कहर बरपाया उसके बाद यहां रहने में डर लग रहा है." इन्होंने सरकार से इन्हें सुरक्षित स्थानों पर जमीन दिलाने की मांग उठाई है.

आपदा के बाद राजबन गांव में तबाही का मंजर (ETV Bharat)

तेरंग गांव के लिए सड़क सुविधा की मांग

इसके साथ ही अधिकतर लोग ऐसे हैं, जिनकी जमीनें यहां से करीब 3 किमी आगे तेरंग गांव में भी हैं, लेकिन उस गांव तक सड़क सुविधा नहीं है. जिस कारण वहां घर बना पाना संभव नहीं है. इन लोगों ने सरकार से तेरंग गांव तक जल्द से जल्द सड़क सुविधा पहुंचाने का गुहार लगाई है, ताकि ये सभी वहां पर जाकर बीना किसी भय के अपना जीवन यापन कर सकें.

पीडब्ल्यूडी मंत्री ने दिया लोगों को आश्वासन

वहीं, बीते दिनों लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इस गांव का दौरा किया था और ग्रामीणों व प्रभावितों को सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था. विक्रमादित्य सिंह ने ग्रामीणों की सड़क की मांग और उन्हें जमीन दिलाने की बात पर हामी भरते हुए इस विषय को सरकार और जिला प्रशासन के माध्यम से जल्द से जल्द उठाने का आश्वासन दिया है.

बादल फटने की घटना के बाद राजबन में नहीं रहना चाहते अधिकतर परिवार (ETV Bharat)

काल बन कर आई थी 31 जुलाई की रात

गौरतलब है कि इस साल 31 जुलाई की रात हिमाचल प्रदेश के लिए काल बनकर आई और कई जख्म लेकर आई. प्रदेश में एक ही रात में पांच जगहों पर बादल फटने की घटना सामने आई. सबसे ज्यादा तबाही रामपुर के समेज और मंडी जिले के रामबन में हुई थी. समेज में जहां पूरा गांव बाढ़ की भेंट चढ़ गया था और 36 लोग लापता हो गए थे. वहीं, राजबन में भी तीन मकान मलबे की चपेट में आ गए थे, जिसमें 10 लोग लापता हो गए थे. जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. 10 लापता लोगों में से 9 लोगों के शव रेस्क्यू टीम ने मलबे से बरामद कर लिए हैं. जबकि 1 अभी भी लापता है. ऐसे में लोग अब भी आपदा की दहशत से सहमें हुए हैं.

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Last Updated : Aug 23, 2024, 1:34 PM IST

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