मंडी:"बादल फटने की घटना के बाद अब हमारा राजबन गांव श्मशान बन चुका है. अब हम यहां रहना नहीं चाहते हैं, लेकिन जाएं तो जाएं कहां कोई रास्ता नहीं दिख रहा है." यह दुख भरी दास्तां हैं बीती 31 जुलाई को बादल फटने की घटना के बाद तबाह हुए मंडी जिले के पधर उपमंडल के राजबन गांव के बाशिन्दों की. बादल फटने की घटना के बाद अब यह क्षेत्र डेंजर जोन में आ गया है. बादल फटने के बाद मची तबाही के बाद यहां 3 घर इसकी चपेट में आए थे, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी, दो घायल हुए थे और एक अभी तक लापता है.
डर के साए में राजबन गांव के लोग
राजबन गांव के लोगों ने तबाही का जो मंजर देखा उसके बाद यहां किसी की भी रहने की हिम्मत नहीं हो रही है. लोग मजबूरी और डर के साये में यहां पर रह रहे हैं. श्याम लाल, नरेश कुमार, जीत सिंह और साजू राम ने बताया, "गांव अब एक तरह से श्मशान प्रतीत हो रहा है. प्राकृतिक आपदा ने जो कहर बरपाया उसके बाद यहां रहने में डर लग रहा है." इन्होंने सरकार से इन्हें सुरक्षित स्थानों पर जमीन दिलाने की मांग उठाई है.
तेरंग गांव के लिए सड़क सुविधा की मांग
इसके साथ ही अधिकतर लोग ऐसे हैं, जिनकी जमीनें यहां से करीब 3 किमी आगे तेरंग गांव में भी हैं, लेकिन उस गांव तक सड़क सुविधा नहीं है. जिस कारण वहां घर बना पाना संभव नहीं है. इन लोगों ने सरकार से तेरंग गांव तक जल्द से जल्द सड़क सुविधा पहुंचाने का गुहार लगाई है, ताकि ये सभी वहां पर जाकर बीना किसी भय के अपना जीवन यापन कर सकें.
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