मंडी: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा, "झूठी गारंटियों के सहारे सत्ता में आई कांग्रेस सरकार का असली चेहरा अब सामने आ चुका है. पुरानी पेंशन बहाल करने के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाली ये सरकार अब ऐसे पेंच फंसाकर कर्मचारियों का गला घोंटने जा रही है जिससे लाखों कर्मचारी प्रभावित हो चुके हैं."
'जल्द फूटेगा कर्मचारी संगठनों का लावा'
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज सरकार के दबाव में कर्मचारी संगठन ज्यादा बोल नहीं पा रहे हैं, लेकिन जल्द ही ये लावा फूटने वाला है. कई संगठन विरोध जता चुके हैं और सरकार कई कर्मचारी संगठनों को मनाने में जुटी है. हमारे विरोध के बाबजूद कांग्रेस सरकार ने बहुमत के नाम पर सरकारी कर्मचारियों से जुड़े भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 विधानसभा में पास कर दिया है. इससे अब अनुबंध कर्मचारियों की सीनियोरिटी और इंक्रीमेंट को झटका लगेगा. जिन कर्मचारियों की सरकारी नियमित सेवा कम रही हो उनके वित्तीय लाभ कम हो जाएंगे.
'कर्मचारी विरोधी संशोधन'
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अनुबंध कर्मचारी भी पब्लिक सर्विस कमीशन और राज्य चयन आयोग का इंटरव्यू पास करके आते हैं. सरकार की पॉलिसी के तहत दो साल बाद इन्हें नियमित किया जाता है. इन कर्मचारियों का यह पीरियड सीनियोरिटी और अन्य लाभों के लिए कंसिडर हो, इसका लाभ कर्मचारियों ने कोर्ट में जाकर लिया है, लेकिन आज इस संशोधन को लाकर सरकार उनके बेनिफिट को छीन रही है. ये बिल्कुल कर्मचारी विरोधी संशोधन है. इससे इस सरकार का कर्मचारी विरोधी चेहरा उजागर हो चुका है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "ये चाहे रेट्रोस्पेक्टिव हो या प्रोस्पेक्टिव, किसी भी स्तर पर संशोधन लाने की कोई जरूरत नहीं थी. कोर्ट से फैसला होने के बाद आप संशोधन विधेयक लाये हैं, जो ठीक नहीं है. आप बहुमत में है इसलिए आपने इस संशोधन को पास कर दिया, लेकिन वो कर्मचारी फिर कोर्ट जाएंगे. सरकार जो पैसा बचाने की बात कर रही है उससे ज्यादा पैसा वकीलों को दिया जाएगा."
रोजगार को लेकर जयराम ने सुक्खू सरकार पर साधा निशाना
जयराम ठाकुर ने कहा कि कभी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहते हैं हमने 31 हजार सरकारी नौकरियां दे दी और विधानसभा में जवाब दिया कि इनका प्रोसेस चला है. सच्चाई तो ये है कि इनमें अधिकांश भर्तियां हमारे समय शुरू हुई थीं और परिणाम अब निकाले जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि इस सरकार ने दो साल के अपने कार्य में एक भी डॉक्टर की भर्ती नहीं की है. जबकि दुहाई रोज स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव की दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो सरकार एक डॉक्टर तक भर्ती नहीं कर पाई हो वो कैसे स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर पाएगी, ये चिंताजनक बात है.