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12 आरोपियों की रिहाई पर HC ने लगाई रोक, निचली अदालत ने दे दिए थे रिहाई के आदेश - SI Paper Leak Case

पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2021 के पेपर लीक प्रकरण से जुड़े 12 आरोपियों की रिहाई पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. 12 अप्रैल को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट महानगर द्वितीय ने आरोपियों की अवैध हिरासत मानते हुए उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे.

Rajasthan High Court
Rajasthan High Court

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 15, 2024, 2:30 PM IST

12 आरोपियों की रिहाई पर HC ने लगाई रोक

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2021 में पेपर लीक से जुड़े मामले में 12 आरोपियों की रिहाई पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश राज्य सरकार की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट महानगर द्वितीय ने आरोपियों की अवैध हिरासत मानते हुए उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे.

राज्य सरकार की ओर से याचिका में अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने अदालत को बताया कि निचली अदालत ने 12 अप्रैल को आरोपियों की अवैध हिरासत मानते हुए उन्हें रिहा करने के आदेश दिए हैं. जबकि पूर्व में 4 अप्रैल को इसी अदालत ने आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया था. ऐसे में यदि उनकी हिरासत अवैध भी थी तो संबंधित मजिस्ट्रेट को पूर्व की सुनवाई के समय ही आरोपियों को रिहा करना चाहिए था. एक बार मजिस्ट्रेट की ओर से पुलिस अभिरक्षा के आदेश देने के बाद वह अवैध हिरासत नहीं कहलाएगी. इसलिए निचली अदालत के आदेश को रद्द किया गया.

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बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रमित पारीक ने कहा कि आरोपियों के रिलीज ऑर्डर भी जारी हो चुके हैं और निचली अदालत का आदेश विधि सम्मत है. इसलिए राज्य सरकार की याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों की रिहाई पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई एक मई को रखी है. गौरतलब है कि मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट महानगर द्वितीय ने मामले में आरोपियों के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए माना था कि एसओजी ने आरोपियों को पकड़ने के बाद 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया था. ऐसे में उनकी पुलिस अभिरक्षा की अवधि अवैध थी. इसलिए उन्हें तत्काल रिहा किया जाए. वहीं, अदालत ने मामले के दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए गृह सचिव और डीजीपी को भी निर्देश दिए थे. इससे पूर्व सुनवाई के दौरान अदालत ने इन आरोपियों को पुलिस रिमांड पर एसओजी को सौंपा था.

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