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अलवर मंडी में प्याज की आवक बढ़ी, नमी के चलते मांग में कमी, भाव भी जा रहा नीचे - प्याज के दाम

अलवर मंडी में प्याज की आवक बढ़ने से उनके दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. नमी के चलते मांग में भी कमी.

मंडी में प्याज
मंडी में प्याज (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 14, 2024, 2:14 PM IST

Updated : Nov 14, 2024, 5:11 PM IST

अलवर : लाल प्याज के नाम से मशहूर अलवर जिले के प्याज की इन दिनों अच्छी आवक प्याज मंडी में होने लगी है. हालांकि, लाल प्याज की मांग में कमी के चलते किसानों को प्याज के मिलने वाले भाव में थोड़ी नरमी दिखाई दे रही है. कारण है कि अभी किसान जो प्याज ला रहे हैं, वो हल्का गीला है. इसके चलते किसानों को उसी के अनुरूप प्याज के दाम मिल रहे हैं. प्याज मंडी अध्यक्ष कैलाश सैनी के अनुसार बुधवार को 40 हजार से ज्यादा प्याज के कट्टों की आवक रही.

प्याज मंडी अध्यक्ष कैलाश सैनी ने बताया कि अलवर मंडी में लाल प्याज की आवक शुरू हुए करीब 3 सप्ताह हो चुके हैं. शुरुआत में मंडी में 15 हजार कट्टे प्रतिदिन प्याज की आवक हो रही थी. पिछले सप्ताह से प्याज की आवक में बढ़ोतरी हुई है. अब मंडी में प्रतिदिन 50 हजार से 70 हजार कट्टे प्याज की आवक हो रही है. वर्तमान में प्याज में नमी है. इस कारण अलवर के लाल प्याज की गुणवत्ता कम है. मंडी में गुणवत्ता के अनुरूप प्याज के थोक भाव 1700 रुपए मण तक मिल रहे हैं. इस प्याज को ज्यादा समय तक स्टॉक नहीं किया जा सकता. इस साल प्याज की फसल में किसी तरह का कोई रोग लगने की शिकायत नहीं आई है, जिसके चलते किसानों को प्याज की फसल का अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है.

पढ़ें. Rajasthan: देश की दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी में रोजाना हो रही 15 हजार कट्टों की आवक, पहुंचने लगे देशभर के व्यापारी

इस साल सबसे ज्यादा रहा बुवाई का रकबा : उद्यान विभाग के उप निदेशक केएल मीणा ने बताया कि अलवर के लाल प्याज की बढ़ती डिमांड को देखते हुए हर साल प्याज के रकबे में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, प्रदेश में इस बार 30 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया. इसमें सबसे ज्यादा बुवाई 24 हजार 500 हेक्टेयर अलवर जिले में हुई. एक हेक्टेयर में करीब 300 प्रति क्विंटल प्याज की पैदावार होती है. आगामी दिनों में प्याज की आवक और बढ़ेगी. इससे प्याज देश के उत्तरी और पूर्वी राज्यों में जाने लगेगा. इसके अलावा सभी चीजें सही रहीं तो अलवर का प्याज विदेशों में भी निर्यात होगा.

अलवर : लाल प्याज के नाम से मशहूर अलवर जिले के प्याज की इन दिनों अच्छी आवक प्याज मंडी में होने लगी है. हालांकि, लाल प्याज की मांग में कमी के चलते किसानों को प्याज के मिलने वाले भाव में थोड़ी नरमी दिखाई दे रही है. कारण है कि अभी किसान जो प्याज ला रहे हैं, वो हल्का गीला है. इसके चलते किसानों को उसी के अनुरूप प्याज के दाम मिल रहे हैं. प्याज मंडी अध्यक्ष कैलाश सैनी के अनुसार बुधवार को 40 हजार से ज्यादा प्याज के कट्टों की आवक रही.

प्याज मंडी अध्यक्ष कैलाश सैनी ने बताया कि अलवर मंडी में लाल प्याज की आवक शुरू हुए करीब 3 सप्ताह हो चुके हैं. शुरुआत में मंडी में 15 हजार कट्टे प्रतिदिन प्याज की आवक हो रही थी. पिछले सप्ताह से प्याज की आवक में बढ़ोतरी हुई है. अब मंडी में प्रतिदिन 50 हजार से 70 हजार कट्टे प्याज की आवक हो रही है. वर्तमान में प्याज में नमी है. इस कारण अलवर के लाल प्याज की गुणवत्ता कम है. मंडी में गुणवत्ता के अनुरूप प्याज के थोक भाव 1700 रुपए मण तक मिल रहे हैं. इस प्याज को ज्यादा समय तक स्टॉक नहीं किया जा सकता. इस साल प्याज की फसल में किसी तरह का कोई रोग लगने की शिकायत नहीं आई है, जिसके चलते किसानों को प्याज की फसल का अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है.

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इस साल सबसे ज्यादा रहा बुवाई का रकबा : उद्यान विभाग के उप निदेशक केएल मीणा ने बताया कि अलवर के लाल प्याज की बढ़ती डिमांड को देखते हुए हर साल प्याज के रकबे में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, प्रदेश में इस बार 30 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया. इसमें सबसे ज्यादा बुवाई 24 हजार 500 हेक्टेयर अलवर जिले में हुई. एक हेक्टेयर में करीब 300 प्रति क्विंटल प्याज की पैदावार होती है. आगामी दिनों में प्याज की आवक और बढ़ेगी. इससे प्याज देश के उत्तरी और पूर्वी राज्यों में जाने लगेगा. इसके अलावा सभी चीजें सही रहीं तो अलवर का प्याज विदेशों में भी निर्यात होगा.

Last Updated : Nov 14, 2024, 5:11 PM IST
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