नई दिल्ली: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के पद के लिए तुलसी गबार्ड को चुना. तुलसी एक पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेस सदस्य हैं. इसके अलावा उनके पास आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक है.
ट्रंप की आधिकारिक घोषणा में तुलसी की निडर भावना और खुफिया एजेंसियों में उनके संभावित योगदान की प्रशंसा की गई है. तुलसी गबार्ड अक्सर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों की निंदा करती रही हैं.
कांग्रेस में चुनी गईं पहली हिंदू
43 साल की उम्र में तुलसी गैबार्ड का जन्म अमेरिका के समोआ में हुआ और वे हवाई में पली-बढ़ीं, कुछ समय के लिए वे फिलीपींस में भी रहीं, उनका राजनीतिक करियर 21 साल की उम्र में हवाई के प्रतिनिधि सभा में शुरू हुआ, जो इराक में नेशनल गार्ड की तैनाती के कारण बाधित रहा. सदन की पहली हिंदू सदस्य के रूप में उन्होंने भगवद गीता पर शपथ ली.
तुलसी गैबार्ड की मां जो अमेरिका की भूमि पर पैदा हुई थीं. उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया था और अपने बच्चों को इसी परंपरा में पाला. उनके पति अब्राहम विलियम्स एक सिनेमाटौग्राफर हैं और उनके पिता माइक गब्बार्ड स्टेट सीनेटर रह चुके हैं, जो पहले रिपब्लिकन में थे, लेकिन अब डेमोक्रेट हो गए हैं.
Hindus & religious minorities in Bangladesh continue to be targeted & persecuted, as they have been since 1971 when the Pakistani army systematically murdered, raped & drove from their homes millions of Bengali Hindus because of their religion & ethnicity. pic.twitter.com/4DVWibzrkT
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) April 2, 2021
2021 में तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया और 1971 में अल्पसंख्यक समूह के खिलाफ क्रूरता के लिए पाकिस्तानी सेना पर निशाना साधा.
अपने प्रस्ताव में तुलसी गबार्ड ने बताया कि कैसे पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश में हजारों बंगाली हिंदुओं की हत्या की, उन पर अत्याचार किए और उन्हें उनके घरों से निकाल दिया. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समूह को व्यवस्थित तरीके से निशाना बनाए जाने के दौरान कम से कम 20-30 लाख लोग मारे गए.
स्टॉप आर्मिंग टेररिस्ट्स एक्ट किया था पेश
इससे पहले 2017 में तुलसी ने सदन में एक विधेयक, स्टॉप आर्मिंग टेररिस्ट्स एक्ट भी पेश किया था, जिसका उद्देश्य सीरिया और आस-पास के क्षेत्र में आतंकवादी समूहों को अमेरिकी फंडिंग को समाप्त करना था. अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता, तो पाकिस्तान जैसे आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को अमेरिकी फंडिंग बंद हो जाती.
भारतीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा, "भारतीयों, हिंदुओं, सिखों और अन्य धार्मिक के साथ-साथ जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में हाल ही में हुई वृद्धि बेहद चिंताजनक है.