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टोंक में बवाल पर गहलोत बोले- देवली उनियारा की घटना मामूली नहीं, नरेश मीणा खड़े कैसे हुए?

जोधपुर में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने टोंक थप्पड़ कांड को लेकर भी सरकार पर तंज कसा.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 14, 2024, 1:29 PM IST

Updated : Nov 14, 2024, 1:44 PM IST

जोधपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नरेश मीणा के एडसीएम को थप्पड़ मारने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. साथ ही कहा कि राजस्थान में सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है. कानून-व्यवस्था ठप हो चुकी है. गुरुवार को संक्षिप्त दौरे पर जोधपुर आए गहलोत ने वापस लौटते हुए एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए ये बातें कही.

उन्होंने कहा कि देवली उनियारा में जो भी घटनाक्रम हुआ है, यह हुआ क्यों? यह घटना कोई मामूली घटना नहीं थी. अगर कोई व्यक्ति अधिकारी को थप्पड़ लगाए, ऐसी स्थिति बनी ही क्यों? इतनी हिम्मत कैसे हो सकती है किसी की. हम बार-बार सरकार से कहते हैं कि गुड गवर्नेंस दें, ताकि पूरे प्रदेश का भला हो. सरकार को आलोचना को हमेशा सकारात्मक रूप से लेना चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ETV Bharat Jodhpur)

पढ़ें. SDM थप्पड़ कांड : आज से RAS की नहीं चलेगी कलम, IAS एसोसिएशन भी समर्थन में, सीएम ने दिए सख्त एक्शन के निर्देश

नरेश मीणा खड़े कैसे हुए?: गहलोत ने कहा कि नरेश मीणा खड़े कैसे हुए? किसकी शह पर खड़े हुए? वो तो कांग्रेस में आ चुके थे. क्या बीजेपी को जिताने के लिए खड़ा किया गया? कांग्रेस कमेटी इसकी जांच कर रही है. माना जा रहा है कि गहलोत इससे एक बार फिर पायलट को घेरने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि नरेश मीणा पायलट समर्थक रहे हैं, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतर गए.

फैसले क्यों नहीं ले पा रही है सरकार : जिले खत्म करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि साल भर होने जा रहा है, बार-बार कहते हैं जिले खत्म कर दिए जाएंगे. 1 साल से कुछ हो नहीं रहा है. कोई भी काम हो नहीं हो रहे हैं. सरकार कुछ फैसला नहीं ले पा रही है, सिर्फ रिव्यू मीटिंग के अलावा कुछ भी नहीं हो रहा है. अगर सरकार को किसी मामले पर डाउट है तो तुरंत सरकार को फैसला लेना चाहिए. 6 महीने की रिव्यू कमेटी तो बना दी गई, लेकिन फैसला नहीं कर पा रहे हैं. लगातार पिछली गवर्नमेंट पर आरोप लगा रहे हैं. कब तक आरोप लगाते रहोगे? अब तो सरकार को बताना चाहिए कि आपने 1 साल में क्या किया है?

पढ़ें. देवली-उनियारा की घटना सिस्टम की विफलता, ऐसा साजिश के तहत हुआ : रविंद्र सिंह भाटी

इकबाल खत्म होने पर लोग कानून हाथ में लेते हैं : जोधपुर में हुए हत्याकांड को लेकर उन्होंने कहा कि इतना बड़ा हत्याकांड हो गया, लोगों मे आक्रोश है. यह पहली बार सुनने में आया है कि किसी की इस तरह की हत्या करके शव को जमीन में गाड़ दिया जाता है. जब सरकार का इकबाल खत्म होता है तो लोगों में डर खत्म हो जाता है और लोग कानून को हाथ में लेते हैं. पूरे प्रदेश में ऐसे हालात बने हुए हैं.

भावना व्यक्त नहीं कर पाईं वसुंधरा राजे : पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भजनलाल शर्मा पहली बार एमएलए बने और बीजेपी ने इनको पर्ची से मुख्यमंत्री बना दिया. यह बहुत बड़ा निर्णय है. वसुंधरा राजे पर्ची मिलने के बाद अपनी भावना व्यक्त नहीं कर पाईं. राजनाथ सिंह ने उनकी और देखा भी नहीं था. ऐसे में सरकार को चाहिए कि पक्ष विपक्ष को साथ लेकर काम करे. दरअसल, पूर्व सीएम अशोक गहलोत गुरुवार सुबह अपने मित्र किशुसिंह गहलोत के निधन होने पर शोक संवेदना देने आए थे. उन्होंने कांग्रेस कार्यालय जाकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी पुष्प अर्पित किए.

जोधपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नरेश मीणा के एडसीएम को थप्पड़ मारने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. साथ ही कहा कि राजस्थान में सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है. कानून-व्यवस्था ठप हो चुकी है. गुरुवार को संक्षिप्त दौरे पर जोधपुर आए गहलोत ने वापस लौटते हुए एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए ये बातें कही.

उन्होंने कहा कि देवली उनियारा में जो भी घटनाक्रम हुआ है, यह हुआ क्यों? यह घटना कोई मामूली घटना नहीं थी. अगर कोई व्यक्ति अधिकारी को थप्पड़ लगाए, ऐसी स्थिति बनी ही क्यों? इतनी हिम्मत कैसे हो सकती है किसी की. हम बार-बार सरकार से कहते हैं कि गुड गवर्नेंस दें, ताकि पूरे प्रदेश का भला हो. सरकार को आलोचना को हमेशा सकारात्मक रूप से लेना चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ETV Bharat Jodhpur)

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नरेश मीणा खड़े कैसे हुए?: गहलोत ने कहा कि नरेश मीणा खड़े कैसे हुए? किसकी शह पर खड़े हुए? वो तो कांग्रेस में आ चुके थे. क्या बीजेपी को जिताने के लिए खड़ा किया गया? कांग्रेस कमेटी इसकी जांच कर रही है. माना जा रहा है कि गहलोत इससे एक बार फिर पायलट को घेरने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि नरेश मीणा पायलट समर्थक रहे हैं, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतर गए.

फैसले क्यों नहीं ले पा रही है सरकार : जिले खत्म करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि साल भर होने जा रहा है, बार-बार कहते हैं जिले खत्म कर दिए जाएंगे. 1 साल से कुछ हो नहीं रहा है. कोई भी काम हो नहीं हो रहे हैं. सरकार कुछ फैसला नहीं ले पा रही है, सिर्फ रिव्यू मीटिंग के अलावा कुछ भी नहीं हो रहा है. अगर सरकार को किसी मामले पर डाउट है तो तुरंत सरकार को फैसला लेना चाहिए. 6 महीने की रिव्यू कमेटी तो बना दी गई, लेकिन फैसला नहीं कर पा रहे हैं. लगातार पिछली गवर्नमेंट पर आरोप लगा रहे हैं. कब तक आरोप लगाते रहोगे? अब तो सरकार को बताना चाहिए कि आपने 1 साल में क्या किया है?

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इकबाल खत्म होने पर लोग कानून हाथ में लेते हैं : जोधपुर में हुए हत्याकांड को लेकर उन्होंने कहा कि इतना बड़ा हत्याकांड हो गया, लोगों मे आक्रोश है. यह पहली बार सुनने में आया है कि किसी की इस तरह की हत्या करके शव को जमीन में गाड़ दिया जाता है. जब सरकार का इकबाल खत्म होता है तो लोगों में डर खत्म हो जाता है और लोग कानून को हाथ में लेते हैं. पूरे प्रदेश में ऐसे हालात बने हुए हैं.

भावना व्यक्त नहीं कर पाईं वसुंधरा राजे : पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भजनलाल शर्मा पहली बार एमएलए बने और बीजेपी ने इनको पर्ची से मुख्यमंत्री बना दिया. यह बहुत बड़ा निर्णय है. वसुंधरा राजे पर्ची मिलने के बाद अपनी भावना व्यक्त नहीं कर पाईं. राजनाथ सिंह ने उनकी और देखा भी नहीं था. ऐसे में सरकार को चाहिए कि पक्ष विपक्ष को साथ लेकर काम करे. दरअसल, पूर्व सीएम अशोक गहलोत गुरुवार सुबह अपने मित्र किशुसिंह गहलोत के निधन होने पर शोक संवेदना देने आए थे. उन्होंने कांग्रेस कार्यालय जाकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी पुष्प अर्पित किए.

Last Updated : Nov 14, 2024, 1:44 PM IST
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