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राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि प्रदेश में कहीं न हो बाल विवाह- हाईकोर्ट - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने बाल विवाह से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि प्रदेश में कहीं भी बाल विवाह नहीं हो.

CHILD MARRIAGE, RAJASTHAN HIGH COURT
राजस्थान हाईकोर्ट.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 1, 2024, 10:21 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह सुनिश्चित करे कि प्रदेश में कहीं भी बाल विवाह नहीं हो. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि इस संबंध में पंच और सरपंचों को जागरुक किया जाए कि यदि वे बाल विवाह रोकने में विफल रहेंगे तो उन्हें इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा. अदालत ने रजिस्ट्रार, न्यायिक को कहा है कि वह आदेश की कॉपी मुख्य सचिव सहित सभी जिला मजिस्ट्रेट को भेजे, ताकि बाल विवाह रोकने के लिए इसे पंच-सरपंच सहित अन्य अधिकारियों को भेजा जा सके. वहीं, अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश बचपन बचाओ आंदोलन व अन्य की जनहित याचिका पर दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 की रिपोर्ट के अनुसार 15 से 19 साल की लड़कियों में से 3.7 फीसदी महिलाएं मां बनी चुकी हैं या गर्भवती हैं. बाल विवाह निषेध अधिनियम लागू होने के बावजूद भी प्रदेश में बाल विवाह हो रहे हैं. हालांकि, अधिकारी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है. अदालत ने कहा कि पंचायती राज नियम के तहत बाल विवाह रोकना सरपंच का कर्तव्य है. याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे- 5 के अनुसार 20 से 24 साल की उम्र वाली महिलाओं में से 25.4 फीसदी की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है.

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शहरी क्षेत्र में यह 15.1 फीसदी है, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 28.3 फीसदी है. ऐसे में बाल विवाह निषेध अधिकारी से उनके क्षेत्र में हुए बाल विवाह व उसे रोकने के लिए किए गए प्रयासों की रिपोर्ट मांगनी चाहिए. इसके अलावा राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि प्रदेश में बाल विवाह नहीं हो. याचिका में यह भी कहा गया कि पंच और सरपंचों सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि वे बाल विवाह नहीं होना सुनिश्चित करें. इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता बीएस छाबा ने कहा कि सरकार बाल विवाह रोकने के लिए प्रयास कर रही है. कोई भी व्यक्ति 1098 नंबर पर बाल शोषण व बाल विवाह की शिकायत कर सकता है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार को निर्देश जारी किए हैं.

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