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बरसाती नाले को लेकर पेश हुई रिपोर्ट पर कोर्ट नाराज, कलेक्टर सहित इन्हें मिली अवमानना नोटिस - Rajasthan High Court

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 3, 2024, 10:54 PM IST

बरसाती नाले को लेकर पेश हुई रिपोर्ट पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर का कर्तव्य था कि वे हर समय प्रभावित परिवारों से सम्पर्क करें. कोर्ट ने कलेक्टर सहित जेडीए, निगम उत्तर-दक्षिण के आयुक्त को अवमानना नोटिस दिया है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस श्रीचन्द्रशेखर व जस्टिस कुलदीप माथुर की खंडपीठ ने जोधपुर शहर के बरसाती पानी निकासी के मामले में पेश अनुपालना रिपोर्ट पर कड़ी नाराजगी जताते हुए अवमानना के नोटिस जारी किए. जोधपुर कलेक्टर, जेडीए आयुक्त, नगर निगम उत्तर के आयुक्त व नगर निगम दक्षिण के आयुक्त को अवमानना नोटिस जारी कर 7 अक्टूबर को जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता माधोसिंह कच्छवाहा एवं हरिकिशन व्यास की ओर से पेश याचिका पर अधिवक्ता स्वाती शेखर कोटवानी ने कहा कि जो रिपोर्ट पेश की है वो केवल खानापूर्ति कर रही है. इस पर कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता के सहयोगी अधिवक्ता आयुष गहलोत की ओर से 27 अगस्त को पेश की गई पूरी रिपोर्ट का अवलोकन किया. हाईकोर्ट ने 14 अगस्त 2024 को बरसाती पानी की उचित निकासी करने के साथ ही प्रभावित परिवारों को भोजन, दूध, पेयजल वितरित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन आदेशो की अनुपालना नही हो पाई.

हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि अनुपालना रिपोर्ट से ऐसा लग रहा है कि कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है. यह अविश्वसनीय है कि 13 अगस्त 2024 को भारी बारिश के बाद कहा गया कि भारी बारिश के कारण कोई भी परिवार प्रभावित नहीं होगा. अनुपालन रिपोर्ट में प्रस्तुत रिपोर्ट कागजी लगती हैं और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. संबंधित अधिकारियों को कर्तव्यहीनता का दोषी माना जाना चाहिए.

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जोधपुर जैसे शहर में जहां हजारों गरीब व्यक्ति और मजदूर रहते हैं, वहां अनुपालन रिपोर्ट में यह रुख अपनाया गया है कि भारी बारिश के कारण कोई भी परिवार प्रभावित नहीं हुआ. इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट से लगता है कि प्रभावित परिवारों को भोजन, दूध, पेयजल वितरित करने के लिए जारी किए गए निर्देश का मतलब यह नहीं है कि प्रभावित परिवारों को कलेक्टर के कार्यालय में भीख मांगने के लिए बाहर निकलना चाहिए. एक सार्वजनिक प्राधिकरण होने के नाते, कलेक्टर का कर्तव्य था कि वे हर समय प्रभावित परिवारों से संपर्क करें और इस संबंध में 27 अगस्त 2024 की अनुपालन रिपोर्ट में ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता है कि उन्होंने स्वयं कोई निरीक्षण किया हो या प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया हो.

हाईकोर्ट ने जोधपुर कलेक्टर को निर्देश दिए है कि वे शपथ पत्र पेश करें कि इस कोर्ट के दिनांक 14 अगस्त 2024 के आदेश का जानबूझकर और इरादतन उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना ​​अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए. इसके साथ ही आयुक्त, जेडीए, जोधपुर, नगर निगम, जोधपुर (उत्तर) के आयुक्त और नगर निगम, जोधपुर (दक्षिण) के आयुक्त को भी अवमानना ​​नोटिस जारी किया है जो अपने कर्तव्य में पूरी तरह विफल रहे हैं.

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