पंचांग के मुताबिक, हर महीने के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को एक पूर्णिमा होती है. हर माह की पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व होता है. मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय करना बहुत शुभ माना जाता है. पारंपरिक धर्म में माघ पूर्णिमा का बहुत महत्व है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करना और दान करना शुभ और फलदायी माना जाता है. पंचांग के अनुसार, माघी पूर्णिमा हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.
यह सर्वविदित है कि माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा मघा नक्षत्र संबंधित है. बता दें, माघ महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों में मनाया जाता है. इसे माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा कहते हैं. यह दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की याद में भी मनाया जाता है. इस दिन चंद्रमा, बृहस्पति और शनि तीनों ग्रह अश्लेषा नक्षत्र में अपनी-अपनी राशि में उपस्थित रहते हैं. इस दिन गौतम बुद्ध ने अपने परिनिर्वाण की घोषणा की थी. यह भी कहा जाता है कि इस दिन देवता मृत्युलोक में भ्रमण करने आते हैं.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष माघी पूर्णिमा बहुत शुभ है और दुर्लभ संयोग भी बन रहा है. साल 2025 में माघ पूर्णिमा के दिन 144 साल बाद शुभ संयोग बना रहा है. इस दिन गंगा स्नान और दान का बहुत महत्व है. यह शुभ संयोग मंगलवार, 11 फरवरी से शुरू होकर चार दिनों तक चलेगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस पूर्णिमा पर भाग्य का पहिया घूम सकता है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आ सकती है. इसलिए माघी पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में ये महत्वपूर्ण कार्य करना बहुत फलदायी हो सकता है...
ज्योतिषाचार्य राहुल डे का कहना है कि इस दिन संभव हो तो गंगा स्नान जरूर करें, ऐसा करना बेहद शुभ और अच्छा होगा. स्नान के बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा जरूर करें. शाम के समय दीपक जरूर जलाएं. माघी पूर्णिमा के दिन आप गरीबों को यथाशक्ति दान कर सकते हैं. इससे आपके परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी. इसके अलावा इस दिन स्नान करके पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं. ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा. इससे परिवार में खुशहाली बनी रहेगी और पैसों की कमी नहीं होगी.
माघी पूर्णिमा के दिन विष्णु और बुद्ध पूजा तथा विश्व शांति पूजा की जाती है. कई स्थानों पर माघी पूर्णिमा के आसपास विभिन्न त्योहार और मेले आयोजित किए जाते हैं. लोगों का मानना है कि इस दिन देवता स्वर्ग से धरती पर उतरते हैं. इस दिन गंगा स्नान करना बहुत पवित्र माना जाता है. इसके अलावा, कई लोग माघी पूर्णिमा के दिन गंगा में पवित्र स्नान करने के बाद ध्यान और दान करते हैं. कुछ लोग तर्पण करते हैं.
कहा जाता है कि प्राचीन समय में कांतिका नामक नगर में धनेश्वर नाम का एक गरीब ब्राह्मण रहता था. उस समय ब्राह्मण के कोई संतान नहीं थी. ब्राह्मण बड़ी कठिनाई से अपना जीवन व्यतीत कर रहा था. उस समय वह भिक्षा मांगने एक धनी व्यक्ति के घर गया. लेकिन ब्राह्मण को खाली हाथ लौटना पड़ा. क्योंकि वह निःसंतान ब्राह्मण को भिक्षा नहीं देना चाहता था. ब्राह्मण घर लौटा और रोते हुए अपनी पत्नी को सारी बात बताई. तभी किसी ने आकर कहा कि तुम्हें देवी काली और देवी चंद्रिका की पूजा करनी चाहिए. इससे आप बच्चे पैदा करने में सक्षम हो जायेंगे. यह सुनकर ब्राह्मण ने माघी पूर्णिमा को यह पूजा की और ब्राह्मण दम्पति को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त हुआ.
ज्योतिषाचार्य राहुल डे ने बताया कि माघ पूर्णिमा में स्नान के बाद दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसलिए इस दिन दान जरूर करना चाहिए. कहते हैं कि माघ पूर्णिमा में चावल, काला तिल, तिल का लड्डू, अन्न, वस्त्र या धन के दान से घर में सुख-शांति बनी रहती है.
(डिस्क्लेमर- इस खबर में दी गई जानकारी ज्योतिषी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर लिखी गई है. इसके लिए ईटीवी भारत किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है. किसी भी प्रश्न के लिए कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें)