जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवा संबंधी मामले में दस माह पहले चिकित्सा सचिव पर नोटिस तामील होने के बाद भी उनकी ओर से किसी के अदालत में पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने चिकित्सा सचिव को कहा है कि वे 31 मई को व्यक्तिश: या वीसी के जरिए अदालत में पेश हों. वहीं अदालत ने इन अधिकारी को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि मामले में नोटिस तामील हुए लंबा समय बीत चुका है, लेकिन अब तक संबंधित वकील को अदालत में पेश होने के निर्देश क्यों नहीं दिए गए हैं?. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश गिर्राज प्रसाद नागर की याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि विभाग की ओर से उन्हें अभी तक इस केस की फाइल नहीं दी गई है. इस पर अदालत ने अपने आदेश में कहा कि न्याय मांगने के लिए अदालत में आने वाले नागरिकों के मामलों में सरकार के ऐसे सुस्त रवैये को गंभीरता लिया जाना चाहिए. अदालत ने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि चिकित्सा सचिव पर गत वर्ष 18 जुलाई को नोटिस तामील हो चुकी है, लेकिन दस माह बीतने के बाद भी अब तक मामले की फाइल राज्य सरकार के वकील को नहीं दी गई है.