जयपुर : प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ कर्मचारियों में OPS यानी ओल्ड पेंशन स्कीम और NPS यानी न्यू पेंशन स्कीम को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कर्मचारी संगठन सरकार लगातार सरकार से OPS पर मंशा स्पष्ट करने की मांग करते आ रहे हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने इसको लेकर अभी तक अपनी मंशा को स्पष्ट नहीं किया है. इस बीच वित्त विभाग की ओर से निकाले गए एक सर्कुलर ने उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, जिन्होंने NPS में जमा राशि में से कुछ पैसा निकाल लिया हो. वित्त विभाग के सर्कुलर के अनुसार जिन कर्मियों ने अब तक NPS का पैसा निकाल लिया था, उन्हें निकाला गया पैसा तत्काल वापस जमा करवाने की अनिवार्यता हटा दी है. अब तक NPS से पैसा निकालने वालों को रिटायरमेंट तक का वक्त दिया है. भजनलाल सरकार के इस आदेश से कर्मचारी संगठनों को बड़ी राहत मिली है. इस फैसले को भविष्य में OPS लागू रहने की दिशा संकेत के रूप में देख रहे हैं.
यह हुआ आदेश जारी :वित्त विभाग के सर्कुलर के अनुसार जिन कर्मियों ने अब तक NPS का पैसा निकाल लिया था, उन्हें निकाला गया पैसा तत्काल वापस जमा करवाने की अनिवार्यता हटा दी है. अब तक NPS से पैसा निकालने वालों को रिटायरमेंट तक का वक्त दिया है. वित्त विभाग के मुताबिक NPS से अब तक पैसा निकालने वालों का पैसा, नियमानुसार गणना कर समायोजित किया जाएगा. हालांकि, इनसे GPF के बराबर इंटरेस्ट वसूलने का प्रावधान है. पिछली गहलोत सरकार ने 1 जनवरी 2004 और इसके बाद नियुक्त सरकारी कर्मियों को NPS की जगह OPS देने का सिस्टम लागू किया था. OPS लागू होने के बाद अफसर-कर्मचारियों से कटौती बंद हो गई थी. NPS में कर्मी का 10 फीसदी पैसा कटता था, उतना ही सरकार जमा करवाती थी. इसका पैसा PFRDA में जमा होता था, PFRDA में 39 हजार करोड़ का फंड जमा है. OPS लागू होने के बाद राजस्थान सरकार ने PFRDA से पैसा वापस मांगा, लेकिन संस्था ने मना कर दिया. हालांकि, कई कर्मियों ने इसके तहत जमा NPS में जमा पैसा निकाल लिया. बाद में सरकार ने इस पर रोक लगाई और पैसा वापस जमा करवाए बिना OPS नहीं देने की भी चेतावनी दी, लेकिन बाद में कुछ छूट दे दी. अब वित्त विभाग ने ताजा सर्कुलर निकालकर NPS का पैसा निकालने वालों को राहत दी.