जयपुर : परंपरा के अनुसार होली से ठीक 1 महीने पहले माघी पूर्णिमा पर होली का डांडा रोपा गया. जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में विधि विधान से होली का डांडा का पूजन किया गया. इसके साथ ही एक महीने तक सभी शुभ कार्य टल गए. वहीं, मंदिरों में गुरुवार से फागोत्सव का दौर शुरू होगा.
माघ पूर्णिमा के साथ रंगों के त्योहार होली का श्री गणेश हुआ. जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में होली का डांडा पूजन के साथ हुआ. वेद मंत्रोच्चार के साथ गोविंददेवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी, शुक संप्रदायाचार्य अलबेली माधुरी शरण, श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री पंडित, परकोटा गणेश मंदिर के अमित शर्मा, अभिषेक जोशी पंचांग कर्ता जोधपुर सहित कई मंदिरों के संत-महंतों ने प्रथम पूज्य गणपति और भक्त प्रहलाद का पूजन किया. इसके बाद होली के डांडे का पूजन किया गया. इस दौरान श्री गौड़ विप्र लोकगीत मंडल के कलाकारों ने चंग-ढप पर होली के गीत गाकर माहौल को फाल्गुनी बना दिया.
![वेद मंत्रोच्चार के साथ प्रथम पूज्य गणपति और भक्त प्रहलाद का पूजन किया गया](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-02-2025/rj-jpr-06-holikadanda-av-7201174_13022025003021_1302f_1739386821_232.jpg)
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आपको बता दें कि तीन साल पहले तक खजाने वालों के रास्ते बद्रीनाथ जी के चौक में होली का डांडा पूजन किया जाता था. बाजारों में ज्यादा भीड़ होने और यातायात का भारी दबाव होने की वजह से तीन साल से गोविंद देव जी मंदिर के बाहर होली का डांडा पूजन किया जाता है. होली से ठीक एक महीने पहले होली का डांडा रोपने की परपंरा है. इसके साथ ही मान्यता ये भी है कि डांडा रोपते ही सारे मांगलिक कार्य भी रुक जाते हैं, जबकि होली का डांडा रोपने के साथ ही मंदिरों में फागोत्सव शुरू हो जाते हैं. गुरुवार से फाल्गुन का महीना शुरू होगा, जो 14 मार्च तक चलेगा. इस दौरान गोविंद देव जी मंदिर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इसके साथ ही शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी फागोत्सव मनाया जाएगा.