जयपुर: पुलवामा हमले के शहीद रोहिताश्व लांबा की पत्नी मंजू देवी ने अपने देवर पर मारपीट करने, संपत्ति हड़पने और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं. मंजू देवी व अन्य वीरांगनाओं ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय भाजपा नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की अगुवाई में अनुकंपा नियुक्ति देवर को देने के लिए आंदोलन किया था. इसी मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा और भाजपा नेताओं पर निशाना साधा है.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा, 'पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय भाजपा ने स्वार्थ की सियासत में शहीद के परिवारों को भी नहीं बख्शा. वीरांगनाओं को बहलाकर, फुसलाकर उन्हें सियासी मोहरा बनाया, जिसकी कीमत आज वो परिवार चुका रहे हैं.
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वीरांगना का हक देवर को देने की मांग थी अनुचित : उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने नियम विरुद्ध वीरांगना का हक व अनुकंपा नौकरी देवर को देने की अनुचित मांग की. तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए वीरंगनाओं को उकसाया और सड़क पर बैठाकर प्रदर्शन व तमाशा किया. कांग्रेस सरकार कभी भी शहीद की पत्नी का हक, आर्थिक अनुदान एवं नौकरी देवर को देने के पक्ष में नहीं रही, लेकिन भाजपा ने वीरांगनाओं को सियासी ढाल बनाकर ओछी राजनीति की.
अब क्या भाजपा नेता लेंगे जिम्मेदारी : डोटासरा ने कहा कि आज पुलवामा के शहीद रोहिताश्व लांबा की वीरांगना अपने देवर पर मारपीट और धोखाधड़ी का आरोप लगा रहीं हैं. वीरांगना किस तकलीफ से गुजर रही हैं, उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. शहीद रोहिताश्व लांबा की वीरांगना के साथ जो धोखाधड़ी और अत्याचार हुआ, क्या भाजपा नेता उसकी जिम्मेदारी लेंगे?