कोटा. राजस्थान सरकार ने अपना लेखानुदान गुरुवार को विधानसभा में पेश किया. प्रदेश की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी ने शिक्षा को लेकर कई घोषणाएं की हैं. गरीब और अल्प आय वर्ग के लोगों के लिए किंडर गार्डन से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक की शिक्षा निःशुल्क करने की घोषणा की गई है. इसके तहत लघु, सीमांत, बटाईदार किसान व खेतीहर मजदूरों के बच्चे लाभान्वित होंगे. इसके साथ ही साइंस और टेक्नोलॉजी के साथ-साथ नए आइडिया पर काम करने वाले स्टूडेंट को सरकार मदद करेगी. उनके आउट ऑफ द बॉक्स आइडिया के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इस राशि से जयपुर, बीकानेर, भरतपुर व उदयपुर में अटल इन्नोवेशन स्टूडियो और एक्सीलेरेटर स्थापित किए जाएंगे. इनमें सॉफ्टवेयर, कोडिंग, रोबोटिक फैन लैब और मल्टीमीडिया वीएफएक्स की सुविधा उपलब्ध होगी. यहां पर विद्यार्थी अपने आइडिया पर काम कर सकेंगे.
राजस्थान एजुकेशन में आएगी 'फॉरवार्ड लुकिंग' नीति: दिया कुमारी ने लेखानुदान पढ़ते हुए घोषणा की कि नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा और टेक्निकल एजुकेशन में भी फॉरवर्ड लुकिंग नीति का अनुसरण किया जाएगा. जिससे वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को क्वालिटी एजुकेशन में तब्दील किया जाएगा. वर्तमान में सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर हैं, यहां तक की वहां टॉयलेट भी नहीं हैं. ऐसे में इस साल 250 करोड़ रुपए इन भवनों पर खर्च किए जाएंगे. इससे स्कूल भवन व टॉयलेट के निर्माण और मेंटेनेंस होगा. इसी राशि से हॉस्टल और रेजिडेंशियल स्कूल में भी सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
छात्राओं को मिलेगी 1000 रुपए की सहायता: दिया कुमारी ने दावा किया है कि कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के 70 लाख विद्यार्थियों की सरकार पढ़ाई में मदद करेगी. इसके अलावा कक्षा 1 से आठवीं तक के गरीब तबके के विद्यार्थियों के लिए स्कूल बैग्स, बुक्स और यूनिफॉर्म राज्य सरकार उपलब्ध करवाएगी. कक्षा 9 से 12वीं तक स्कूलों में अध्यनरत छात्राओं को आर्थिक मदद भी दी जाएगी. उन्हें हर साल 1000 रुपए की मदद की जाएगी, ताकि वे पढ़ाई से संबंधित सामग्री खरीद सकें.