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सभासद की ई कचरा फैक्ट्री पर दर्जनभर विभागों का छापा, 8 बाल श्रमिक काम करते मिले, 61 LPG सिलेंडर बरामद - Raid on councilors factory Sambhal

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 13, 2024, 8:56 PM IST

संभल नगर पालिका सभासद की ई कचरा फैक्ट्री पर दर्जनभर विभागों के अफसरों का छापा, अफसरों की आंखों में धूल झोंककर नियमों को ताक पर रखकर चल रहा था गोरख धंधा, कई टन ई कचरा बरामद, प्रशासन कर रहा बड़ी कार्रवाई

भ्रष्टाचार की फैक्ट्री पर छापा
भ्रष्टाचार की फैक्ट्री पर छापा (photo source ETV Bharat)

ई कचरा फैक्ट्री पर छापे में बड़े खुलासे (video source ETV Bharat)

संभल:संभल में करीब दर्जनभर विभागों के अधिकारियों ने एक साथ नगर पालिका के सभासद की ई कचरा फैक्ट्री पर छापा मारा है. मौके पर कई टन ई कचरा बरामद हुआ है. अधिकारियों की छापेमारी में मौके पर आठ बाल श्रमिक काम करते मिले. वहीं फैक्ट्री में प्रतिबंधित एसिड का भी भारी मात्रा में इस्तेमाल होते पाया गया. यही नहीं 61 घरेलू गैस सिलेंडर भी फैक्ट्री में मौके से बरामद हुए हैं. बगैर नक्शा पास कई बीघा में फैक्ट्री संचालित हो रही थी. अफसरों को छापेमारी में फैक्ट्री में प्रदूषण सहित किसी भी विभाग की एनओसी नहीं मिली. इसके साथ ही ई कचरा फैक्ट्री में नगर पालिका का रिक्शा भी जब्त हुआ. वहीं अधिकारियों की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. आपको बता दें कि ई कचरा फैक्ट्री हाजी पप्पू नाम व्यक्ति की बताई गई है जो वर्तमान में संभल नगर पालिका के वार्ड 29 के सभासद हैं.

एडीएम प्रदीप वर्मा ने बताया कि, लगातार मिल रही शिकायतों के बाद संभल सदर कोतवाली इलाके के गांव बिछौली में ई कचरा फैक्ट्री पर छापा मारा गया. मौके पर फैक्ट्री में ई कचरा का डिस्पोजल मानक के अनुरूप नहीं हो रहा था. यहां भट्टी में चिमनी होनी चाहिए थी, लेकिन फैक्ट्री में भट्टी बगैर चिमनी के चल रही थी. वहीं मौके पर एसिड भी पाया गया जो पूरी तरह से नियमों के विपरीत है.

एडीएम ने बताया कि, मौके पर संचालित फैक्ट्री का नक्शा नहीं था उन्होंने बताया कि फैक्ट्री में प्रदूषण के अलावा अन्य किसी विभाग की एनओसी, चाहे वह फायर विभाग की हो, या एसडीएम की अनुमति हो, कहीं से कोई अनुमति नहीं ली गई. यह फैक्ट्री मानकों के विपरीत चल रही है. एडीएम ने बताया कि जीएसटी विभाग के अधिकारी मौके पर कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यह कचरा दिल्ली से लाया जाता था. इन कचरों को अलग-अलग करके फिर दिल्ली भेजा जाता था. यही नहीं इस बात की भी जांच की जा रही है कि, यह फैक्ट्री लंबे समय से चल रही थी इस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

एडीएम ने बताया कि, पूरी फैक्ट्री में 25 बड़े कमरे बने हुए हैं जिनमें टनों के हिसाब से ई कचरा भरा हुआ था. वहीं प्रदूषण विभाग के अधिकारी जेएन तिवारी ने बताया कि ई कचरा फैक्ट्री परमिशन से चल रही है लेकिन इसके बाबजूद कुछ अनियमितताएं पाई गई हैं. भट्टी पर चिमनी नहीं पाई गई. इस पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी इसमें जल और वायु प्रदूषण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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