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41 दिनों से धरने पर पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र, 14 पर एफआईआर दर्ज, दो बार हो चुका लाठीचार्ज

पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. 41 दिन बाद भी स्टूडेंट्स का प्रदर्शन जारी है.

Punjab University Senate election dispute
पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव विवाद (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 28, 2024, 1:17 PM IST

Updated : Nov 28, 2024, 2:19 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है. पिछले 41 दिनों से स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच कुल 14 स्टूडेंट्स पर मामला दर्ज किया जा चुका है. वहीं, पुलिस ने दो बार छात्रों पर प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज भी किया है. मामले में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने केन्द्र सरकार पर नाराजगी जाहिर की है. साथ ही कहा है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे थे. बावजूद इसके पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

सीनेट चुनाव कराने का मामला:दरअसल पंजाब में साल 1882 में स्थापित देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक पंजाब विश्वविद्यालय है. विश्वविद्यालय का 91 सदस्यीय निर्णय लेने वाला निकाय, जिसमें से 47 निर्वाचित होते हैं. लेकिन मौजूदा समय में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन है.

चुनाव में हो रही देरी को लेकर स्टूडेंट्स ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि बीजेपी विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म और कमजोर करने का प्रयास कर रही है. आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस के नेता पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्रों से गाहे-बगाहे मिलने भी पहुंच रहे हैं.

इस मामले को उपाध्यक्ष-सह-कुलाधिपति जगदीप धनखड़ के सामने रखेगी. विश्वविद्यालय ने सीनेट चुनाव के लिए चार बार चुनाव कार्यक्रम तैयार कर कुलाधिपति कार्यालय को भेजा था, लेकिन अभी भी मंजूरी का इंतजार है. हम सीनेट के बारे में कुलाधिपति के सामने मामला उठाएंगे. आगे क्या किया जाना है, इस पर भी चर्चा करेंगे. क्योंकि पिछली सीनेट का कार्यकाल अब समाप्त हो चुका है. विश्वविद्यालय में नई सीनेट नहीं है. -रेणु विग, कुलपति

41 दिन बाद भी प्रदर्शन जारी (ETV Bharat)

प्रदर्शनकारियों में बढ़ा आक्रोश:बढ़ रहे विरोध प्रदर्शन के बीच ईटीवी भारत की टीम ने प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स से बातचीत की. बातचीत के दौरान सथ यूनियन के सदस्य कुलविंदर कौर ने कहा, "केंद्र सरकार पीयू के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म करने की कोशिश कर रही है. देश के उप राष्ट्रपति इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं. जून 2022 में एक और विवाद तब देखने को मिला था, जब केंद्र सरकार द्वारा पीयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने की योजना की खबरें आई थीं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा था."

केंद्र सरकार विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक निकायों को खत्म करने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने की कोशिश करने वाले छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गई. उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया. जिसमें कई छात्रों को चोटें आई. छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ. छात्रों पर गैर-जमानती अपराधों के आरोप लगाए गए. अब तक पीयू के 14 छात्रों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. विश्वविद्यालय पर पंजाब के अधिकार को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. सीनेट को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. -कुलविंदर कौर, सदस्य, सथ यूनियन

18 अक्टूबर से चल रहा प्रदर्शन:सीनेट का मौजूदा कार्यकाल इस साल 31 अक्टूबर को खत्म हो गया था, लेकिन नए चुनाव नहीं कराए गए. इस कारण छात्रों, राजनीतिक दलों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस बीच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में तत्काल चुनाव कराने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई. याचिका पर कोर्ट ने केंद्र और विश्वविद्यालय से 9 दिसंबर तक जवाब मांगा है.

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Last Updated : Nov 28, 2024, 2:19 PM IST

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