पलामू:पीटीआर में अनाज पर निर्भर जंगली जानवरों को घास खिलाना बड़ी चुनौती बन गई है. इसे लेकर तैयारी की जा रही है. पलामू टाइगर रिजर्व में काला हिरण, स्पॉटेड हिरण, सांभर और बार्किंग डियर के साथ गौर बाइसन को लाया जा रहा है. सभी जंगली जानवरों को रांची स्थित बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से पलामू टाइगर रिजर्व के सॉफ्ट रिलीज सेंटर में लाया जाना है. सेंट्रल जू अथॉरिटी से मंजूरी मिलने के बाद सभी को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में सभी जंगली जानवरों को भोजन के रूप में अनाज दिया जाता है. लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व में आने वाले जंगली जानवरों को सॉफ्ट रिलीज सेंटर में रखा जाएगा, जहां विशेष घास का मैदान तैयार किया गया है. पहले चरण में पलामू टाइगर रिजर्व में चार सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए गए हैं. बाद में इसकी संख्या बढ़ाकर छह की जानी है.
पीटीआर प्रबंधन ने तैयार की विशेष योजना
अनाज पर निर्भर जंगली जानवरों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने विशेष योजना तैयार की है. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के बाद वन्यजीवों को पीटीआर में लाने की प्रक्रिया पर नजर रखी जा रही है.
"भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान, रांची से 44 काले हिरण, 269 स्पॉटेड हिरण, 13 नीलगाय, 18 सांभर, 14 बार्किंग डियर और दो गौर बाइसन को पलामू टाइगर रिजर्व लाया जा रहा है. यह सही है कि भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान से लाए गए वन्यजीव भोजन के रूप में अनाज खाते हैं. इसके लिए पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने विशेष योजना तैयार की है. वन्यजीवों के व्यवहार का आकलन किया जाएगा. साथ ही अनाज पर उनकी निर्भरता कम की जाएगी. उन्हें जंगलों में तभी छोड़ा जाएगा जब अनाज पर उनकी निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाएगी"- कुमार आशुतोष, निदेशक, पलामू टाइगर रिजर्व