चंडीगढ़:जिगर मुरादाबादी का मशहूर शेर है, 'ये इश्क नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है'. ये वही समझ सकता है जिसने इश्क किया है. इस समय प्यार का सप्ताह चल रहा है. 11 फरवरी को प्रॉमिस डे है. प्रॉमिस डे वैलेंटाइन वीक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हर साल 11 फरवरी को मनाया जाता है. इस दिन प्रेमी अपने महबूब से वादे करते हैं और उन्हें निभाने की कसम खाते हैं.
प्रॉमिस डे की शुरुआत कब से हुई
प्रॉमिस डे की शुरुआत कब से हुई, इसका कोई आधिकारिक प्रमाण तो नहीं है लेकिन, ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत 19वीं सदी में हुई, जब लोग विक्टोरियन युग में अपने प्यार का इजहार करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते थे. उस समय लोग अपने प्रियजनों को फूल, चॉकलेट और ग्रीटिंग कार्ड देते थे. धीरे-धीरे यह परंपरा प्रॉमिस डे के रूप में विकसित हुई.
प्रॉमिस डे पर शायरी
वादा शब्द कवियों और मशहूर शायरों का पसंदीदा लफ्ज रहा है. मिर्जा गालिब से लेकर बड़े शायरों ने अपने महबूब के वादे पर शायरी लिखी है. इन शेरों में कहीं महबूब के वादों के टूटने का दर्द है, कहीं इंतजार है तो कहीं बेकरारी. आइये आपको प्रॉमिस डे पर बताते हैं कुछ शायरों की मशहूर शायरी.
- न कोई वादा, न कोई यकीन, न कोई उम्मीद/ मगर हमें तो तिरा इंतजारर करना था.
- तेरे वादों पे कहां तक मेरा दिल फरेब खाए/ कोई ऐसा कर बहाना मेरी आस टूट जाए.
- आदतन तुम ने कर दिए वादे. आदतन हम ने एतबार किया.
- गजब किया तेरे वादे पे एतिबार किया/तमाम रात कयामत का इंतजार किया.
- वो जो हम में तुम में करार था, तुम्हें याद हो कि न याद हो/वही यानी वादा निबाह का, तुम्हें याद हो कि न याद हो.
- एक-एक बात में सच्चाई है उस की लेकिन/अपने वादों से मुकर जाने को जी चाहता है.
- खातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया/ झूठी क़सम से आप का ईमान तो गया.
- साफ इनकार अगर हो तो तसल्ली हो जाए/ झूठे वादों से तेरे रंज सिवा होता है.
- किस मुंह से कह रहे हो हमें कुछ गरज नहीं/ किस मुँह से तुम ने वादा किया था निबाह का.
- तेरे वादे को कभी झूठ नहीं समझूँगा/ आज की रात भी दरवाजा खुला रक्खूँगा.
- था वादा शाम का मगर आए वो रात को/ मैं भी किवाड़ खोलने फौरन नहीं गया.
- और कुछ देर सितारों ठहरो/ उस का वादा है ज़रूर आएगा.
- बरसों हुए न तुम ने किया भूल कर भी याद/ वादे की तरह हम भी फरामोश हो गए.
- आप ने झूटा वादा कर के/ आज हमारी उम्र बढ़ा दी.
- हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद/ जो नहीं जानते वफ़ा क्या है.