अलीगढ़ :उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच का सफर जल्द ही और सुगम होने वाला है. अलीगढ़-पलवल मार्ग के नवीनीकरण व चौड़ीकरण के लिए प्रशासनिक कार्रवाई हो रही है. अलीगढ़ जिले में 31 गांव से इस मार्ग के निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण होना है, इनमें से पिछले दिनों 17 गांव का अवार्ड घोषित कर दिया गया है. इन 17 गांव में लगभग 160 हेक्टर भूमि के लिए लगभग 600 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा जाएगा.
अलीगढ़ -पलवल फोरलेन :6 वर्ष पहले लोग निर्माण विभाग ने अलीगढ़ से पलवल मार्ग को फोरलेन कराया था. 69 किलोमीटर लंबे मार्ग पर करीब 552 करोड रुपए खर्च हुए थे. कुछ दिन बाद इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दिया था, लेकिन खैर-जट्टारी बाईपास का निर्माण नहीं हो सका. दोनों कस्बों में जाम लगता है, यहां के लोग बाईपास की मांग कर रहे थे. पिछले दिनों केंद्रीय स्तर से मार्ग के नवीनीकरण व चौड़ीकरण का निर्णय लिया गया. मार्ग के चौड़ीकरण के लिए जिले के 17 गांव से भूमि का अधिग्रहण होना है. जिला प्रशासन ने चिह्नित भूमि का अवार्ड घोषित करना शुरू कर दिया है. पहले चरण में 17 गांव का अवार्ड घोषित कर लगभग 600 करोड़ रुपए मुआवजा तय किया गया है.
किन जिलों को होगा फायदा? :इस नेशनल हाईवे के चौड़ा होने से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई जिलों को फायदा मिलेगा. दिल्ली एनसीआर जाने वाले लोगों की राह आसान होगी. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, नया एक्सप्रेसवे टप्पल में यमुना एक्सप्रेसवे और पलवल में ईस्टर्न पेरिफेरल के इंटरचेंज से जुड़ेगा. अलीगढ़ से आगरा, मथुरा, दिल्ली एनसीआर, ग्रेटर नोएडा, पलवल, गुरुग्राम तक जाना आसान होगा.