लखनऊ : यूपी की राजधानी लखनऊ को बागों का शहर कहा जाता है. शहर के तमाम स्थानों कैसरबाग, चारबाग, लालबाग, आलमबाग, मुनव्वर बाग, फूलबाग आदि को इन्हीं बागों के नाम से जाना जाता है. हालांकि अपनी मिठास और महक के कारण दुनियाभर में पसंद किए जाने वाले दशहरी आम की बड़े पैमाने पर, जहां बागवानी की जाती है, उस जगह का नाम है मलिहाबाद. इस फल पट्टी क्षेत्र में होने वाले दशहरी आम को जीआई टैग भी मिला है. अब जबकि आगामी 20 मई को लखनऊ में लोकसभा चुनावों के लिए मतदान होना है. ऐसे में हमने मलिहाबाद के बागवानों से बातचीत की कि आखिर उनकी समस्याएं क्या हैं और वह सरकार से क्या चाहते हैं?
अवध आम उत्पादक बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि यहां की सबसे बड़ी समस्या है आम के बाग जंगल होते चले जा रहे हैं. हमें आम का बाग बनाना है, जंगल नहीं. अभी प्रदेश के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एक अच्छा आदेश किया है कि अब बागों की कटाई-छंटाई के लिए वन विभाग और पुलिस का हस्तक्षेप नहीं होगा. पहले बहुत हस्तक्षेप होता था और बागवानों का शोषण भी किया जाता था. वह बताते हैं कि हम इजराइल के कृषि उत्पादन की बात करते हैं, लेकिन हमारे अधिकारी वहां जाते तो जरूर हैं, लेकिन घूम कर ही आ जाते हैं. वहां की तकनीक धरातल पर लागू नहीं कर पाते. हमारे पास वह यंत्र ही नहीं हैं, जिनसे वृक्षों का रखरखाव किया जा सके.
उपेंद्र सिंह कहते हैं हमारे पीछे देखिए 60-70 फीट ऊंचे आम के पेड़ दिखाई देंगे. ऐसे पेड़ों का क्या मतलब है? इतनी ऊंचाई पर आम तोड़ना संभव नहीं. आंधी में गिरने पर आम खराब हो जाता है. हमारे पास हाइड्रोलिक और काटने वाली मशीनों का अभाव है. हमें आधुनिक तकनीक मिले, तभी हम बागों की बेहतर देखभाल कर पाएंगे और आम उत्पादन बढ़ेगा. वह कहते हैं कि समस्याओं को लेकर हम उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और प्रमुख सचिव से मिलते हैं. हम अन्य अधिकारियों को भी बताते रहते हैं. इस क्षेत्र में अभी बहुत कुछ करना बाकी है. बागवानों की जीविका इन्हीं बागों पर निर्भर है. पिछले पांच साल का उत्पादन और हानि-लाभ देखें तो हम लोग शून्य पर हैं. बागवानों को कुछ नहीं मिला है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बागों का आधुनिकीकरण कैसे किया जाए. ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी वाला आम कैसे पैदा किया जाए. फलों पर मैंगो प्रोटक्शन बैग लगाने से क्वालिटी में बहुत सुधार देखने को मिल रहा है. किसानों को इसे जरूर अपनाना चाहिए.