प्रयागराज: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में आकर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने वाली फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने वीडियो जारी कर किन्नर अखाड़े से जुड़े रहने की पुष्टि की है. जबकि, इससे पहले उन्होंने खुद ही एक वीडियो जारी करके किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर का पद त्यागने और किन्नर अखाड़े से अलग होने की बात कही थी.
लेकिन, अब अपनी बात से पलटी मारते हुए बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने एक बार फिर वीडियो जारी कर बताया कि उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया गया है. अब वो पहले की तरह से किन्नर अखाड़े से जुड़ी रहेंगी और महामंडलेश्वर की तरह ही कार्य करेंगी. अखाड़े और सनातन धर्म की सेवा में जीवन को समर्पित करेंगी.
बता दें कि संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में 24 जनवरी को फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े से जुड़ी थीं. उन्हें किन्नर अखाड़े की तरफ से महामंडलेश्वर के पद पर उनका पट्टाभिषेक किया गया था. ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने के साथ ही विरोध शुरू हो गया था.
अखाड़े से जुड़े लोगों के साथ ही दूसरे धर्माचार्यों ने भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे. जिसके बाद 10 फरवरी को ममता कुलकर्णी की तरफ से वीडियो जारी करके किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा देने की बात कही गई थी.
हालांकि 13 फरवरी को एक बार फिर से ममता कुलकर्णी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने नए बयान का वीडियो जारी कर दिया है. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके महामंडलेश्वर बनने के बाद तमाम लोगों ने किन्नर अखाड़े के साथ उनको लेकर बयानबाजी शुरू कर दी थी. जिसके बाद दुखी होने की वजह से भावनाओं में बहकर उन्होंने वीडियो जारी करके अखाड़े और पद से इस्तीफा देने की बात कही थी.
लेकिन, अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर और उनकी गुरु लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया, जिसके बाद उनसे बात करके उन्होंने अपना यह वीडियो जारी किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि वो किन्नर अखाड़े और उसके द्वारा दिए गए पद से जुड़ी हुई हैं और उसी की गरिमा के अनुसार सनातन धर्म को आगे को बढ़ाने के लिए कार्य करती रहेंगी.
ममता कुलकर्णी के जुड़ने पर हुई थी निंदा: 20 साल से ज्यादा समय से देश के बाहर रहने वाली और ड्रग माफियाओं से संबंध होने के आरोपी को किन्नर अखाड़े में सीधे महामंडलेश्वर बनाए जाने पर अखाड़े और उसकी पीठाधीश्वर को लेकर तमाम बयानबाजी शुरू हो गई थी. खुद को किन्नर अखाड़े का संस्थापक बताने वाले ऋषि अजय दास ने तो मीडिया के सामने आकर अखाड़े की पीठाधीश्वर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को ही अखाड़े से बाहर निकालने की घोषणा कर दी थी.
वहीं महाकुंभ में मौजूद अन्य साधु-संतों ने भी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर भी कटाक्ष किए थे. जिसके बाद ही ममता कुलकर्णी ने खुद से वीडियो जारी कर अखाड़े से अलग होने की बात कही थी. हालांकि अखाड़े से जुड़ने के बाद भी ममता कुलकर्णी 29 जनवरी और 3 फरवरी के शाही अमृत स्नान में शामिल नहीं हुई थीं.
इसके बाद अब ममता कुलकर्णी ने अपना नया वीडियो जारी किया. एक मिनट से ज्यादा लम्बे इस वीडियो में ममता कुलकर्णी ने कहा कि मेरे गुरु स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर कुछ लोगों ने गलत आक्षेप लगाए थे. इन्हीं सभी कारण से दुखी होकर उन्होंने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दिया था. अखाड़े से जुड़ने के बाद अपने गुरु को जो भेंट दी थी वो महामंडलेश्वर के छत्र, छड़ी और चंवर और भंडारे के लिए दिया था.
यानी अब ममता कुलकर्णी फिर से यमाई ममता नंद गिरी बन चुकी हैं. अखाड़े से जुड़ी रखने के लिए उन्होंने अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता जताते हुए उनका आभार जताया है. कहा है कि आगे चलकर वो अपना पूरा जीवन किन्नर अखाड़ा और सनातन धर्म के लिए समर्पित कर देंगी.