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संभल में पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी, तोता मैना की कब्र और फिरोजपुर के किले का होगा सौंदर्यीकरण - PILGRIMAGE PLACES OF SAMBHAL

ASI के साथ DM और SP ने विलुप्त हो चुकी पुरानी विरासतों का किया दौरा, 250 तीर्थ स्थल और कूपों को बनाया जाएगा पर्यटन स्थल

पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी का निरीक्षण करते डीएम और एसपी.
फिरोजपुर के किले का निरीक्षण करते डीएम और एसपी. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2024, 7:37 PM IST

Updated : Dec 26, 2024, 6:20 AM IST

संभलःइतिहास के पन्नों में दफन जिले के तमाम तीर्थ स्थल और विरासतें अब वापस अपने पुराने स्वरूप में लौटेंगी. प्रशासन ने विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे इन ऐतिहासिक स्थलों को सजाने और संवारने का जिम्मा लिया है. ASI के संरक्षण में खंडहर हो चुके फिरोजपुर का किला, तोता मैना की कब्र, पृथ्वीराज चौहान की खंडहर हो चुकी बावड़ी को संरक्षित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. जिसको लेकर बुधवार को DM और SP ने ASI टीम के साथ इन सभी धरोहरों का निरीक्षण किया. ऐसे में अब माना जा रहा है कि संभल जल्द ही पर्यटन नगरी के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाएगा.

तीर्थ स्थलों और धरोहरों का किया निरीक्षणःजिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई, एसडीएएम डॉ. वंदना मिश्रा और ASI की टीम ने फिरोजपुर किला, नीमसार तीर्थ, तोता मैना की कब्र और पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाई गई बावड़ी का निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि संभल प्राचीन नगर रहा है. इस नगरी में इतिहास से लेकर वर्तमान तक अनेक अवशेष उपलब्ध भी हैं और दिखाई भी देते हैं. इनको संरक्षित करने और सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है.

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

फिरोजपुर के किले का होगा उचित रखरखावःडीएम ने बताया कि ASI के संरक्षण में संभल का फिरोजपुर का किला है. ASI ने यहां पर प्रयास भी किया है और चार दीवारी से संरक्षित भी किया है लेकिन इसके बावजूद आसपास के लोगों का यहां पर लगातार आना-जाना लगा रहता है. इसलिए फिरोजपुर के किले का रखरखाव ठीक ढंग से नहीं हो पाया है. इसके लिए ASI को अवगत कराया गया है. डीएम ने बताया कि नीमसार का कुआं सबसे ज्यादा जागृत है, क्योंकि उसी में जल मिला है. यह तीर्थ भी जागृत है, सिर्फ 10 से 12 फीट पर कुएं में जल है.

धरोहरों का होगा जीर्णोद्धारःडीएम ने कहा कि तोता-मैना की कब्र भी जीर्णशीर्ण हालत में है, इसे भी सुरक्षित करने की आवश्यकता है. इसके अलावा राजपूत काल की बावड़ी जो पृथ्वीराज चौहान के समय में बनी थी, वह भी बहुत बावड़ी है इसे भी सुरक्षित और संरक्षित करने की जरूरत है. डीएम ने कहा कि इतिहास को आप संजोकर नहीं रखा जाएगा तो इतिहास आपको छोड़ देगा. संभल के इतिहास को संरक्षित करके रखा जाएगा तो पूरा संसार यहां पर्यटन के लिए और घूमने के लिए आएगा. संभल की विलुप्त हो चुकी सभी धरोहर का जीर्णोद्धार किया जाएगा और उन्हें संरक्षित रखा जाएगा. एएसआई की मदद से इन सभी धरोहरों को सुरक्षित रखेंगे. भविष्य में इन धरोहरों के विषय में सभी को बताया भी जाएगा.

संभल में 87 तीर्थ स्थलों का होगा विकासःडीएम ने बताया कि संभल में 68 तीर्थ और 19 कूप सहित 87 तीर्थ स्थल है. इसके अलावा अनेक ऐसे स्थान हैं जिनकी गिनती इन तीर्थ स्थलों में नहीं होती, लेकिन फिर भी यह महत्वपूर्ण स्थान है. तोता मैना की कब्र हो या फिर बावड़ी का कुआं, संभल में 200 से ढाई सौ ऐसे स्थान है, जहां पर लोग आएंगे. संभल के सभी तीर्थ स्थल और कूपों को संरक्षित करने का काम किया जाएगा. जिले के सभी धरोहरों का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा. जितने भी लोगों ने तमाम तीर्थ स्थलों पर या फिर विरासतों पर अतिक्रमण किया है, उन्हें हटाया जाएगा.

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Last Updated : Dec 26, 2024, 6:20 AM IST

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