वाराणसी : प्रयागराज में आज से महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में अब तक एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने गंगा स्नान किया है और यह भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं इस भीड़ का एक बड़ा हिस्सा धर्मनगरी वाराणसी में भी पहुंच रहा है. सोमवार सुबह से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य बनारस के मंदिरों और हिस्सों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. इसी वजह से विश्वनाथ मंदिर ने पूरे कुंभ के दौरान एक निश्चित प्रोटोकॉल सिस्टम लागू कर दिया है. जिसके तहत मंदिर में कई कड़े नियम लागू हुए हैं, जिसका असर यहां आने वाले भक्तों पर पड़ेगा.
इस नियम में सबसे महत्वपूर्ण बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन पर कुंभ के पूरे समयकाल तक पूर्णतया रोक लगाने से लेकर आरतियों में श्रद्धालुओं के बैठने को रोकने जैसे कड़े निर्णय लिए गए हैं. जिसके बाद सारे टिकट भी पूर्णतया बंद कर दिए गए हैं. दरअसल, बाबा विश्वनाथ के मंदिर में सोमवार सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है. कई किलोमीटर लंबी लाइन के बीच बाबा विश्वनाथ के मंदिर में दर्शन पूजन किया जा रहा है. सुबह मंदिर खुलने के बाद से ही लगातार भक्तों की जबरदस्त भीड़ है.
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि 13 जनवरी से 28 फरवरी तक के लिए विश्वनाथ मंदिर में एक प्रोटोकॉल व्यवस्था लागू की गई है. इस प्रोटोकॉल व्यवस्था के तहत कुंभ के पूरे समय अवधि तक पूर्णतया स्पर्श दर्शन को रोक दिया गया है. केवल मंगला आरती के लिए ही टिकट दिया जा रहा है. वहीं आरती के समय में परिवर्तन भी किया गया है, हालांकि महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट 24 घंटे खुले रहेंगे और पूरी रात दर्शन पूजन चलता रहेगा, लेकिन बाकी समय में भक्तों के लिए तमाम रोक-टोक रहेगी और दर्शन पूजन करने आने वाले भक्तों को भीड़ और परेशानियों से बचाने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि अनुमान यह है कि प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे और लगभग 10 करोड़ भक्तों के आने का पहले से ही अनुमान लगाया गया है. जिसके बाद कई व्यवस्थाएं लागू की गई हैं. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक सिर्फ मंगला आरती में ही भक्तों को टिकट उपलब्ध करवाया जा रहा है. वह भी निश्चित संख्या में इसके बाद होने वाली भोग आरती, सप्त ऋषि आरती, श्रृंगार आरती और सायं आरती के लिए किसी भी तरह के टिकट व्यवस्था को लागू नहीं किया जा रहा है. सिर्फ आरती के दौरान भक्त झांकी दर्शन करके आगे बढ़ते रहेंगे. इन्हें रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा स्पर्श दर्शन को रोक दिया गया है.
मंदिर के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी का कहना है कि दोपहर 2 से 4 बजे के बीच विशिष्ट अतिथियों या विशेष अनुमोदन पर किसी को भीड़ कम होने की स्थिति में कुछ व्यवस्थाएं दी जा सकती हैं, लेकिन वह भी भीड़ के नियंत्रण में होने के बाद निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह आवश्यक इसलिए है कि भीड़ जबरदस्त हो रही है. पूरे विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र को 8 जोन में बांटा गया है. 13 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटकर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए इस पूरे क्षेत्र को पूर्णतया नो व्हीकल जोन डिक्लेयर किया जा चुका है. यातायात व्यवस्था के लिए 8 ट्रैफिक इंस्पेक्टर 24 सब इंस्पेक्टर, 164 हेड कांस्टेबल और 300 से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए गए हैं.
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि कुंभ के दौरान 13 से 26 जनवरी तक मंगला आरती, 2:45 पर सुबह भोग आरती, 11:35 पर दोपहर में सप्त ऋषि आरती, शाम 7:00 बजे सिंगर भोग आरती, रात 8:45 पर और आरती 10:30 बजे होगी. उसमें भी विशेष पर्व सोमवार, पूर्णिमा पर बदलाव होंगे.
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