कोरबा: खेतों में धान की फसल पकने के बाद अब 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के लिए प्रशासन स्तर पर कई तरह की तैयारियां की गई हैं. इस बार राजस्व विभाग ने खेतों में बोए गए धान के अनुसार मोबाइल ऐप के जरिए रकबा का पंजीयन किया है. फर्जी धान खरीदी रोकने के लिए इस पंजीकृत रकबा का औचक निरीक्षण जिला स्तर के अधिकारी करेंगे. रेंडम आधार पर किसी भी खेत का चुनाव कर गिरदावरी का सत्यापन किया जाएगा. इस दौरान यदि धान के बदले अन्य फसल खेत में बोया हुआ पाया गया, तब धान के रकबे में कटौती भी की जाएगी.
पारदर्शिता के साथ धान खरीदी करने की कवायद :धान खरीदी को पारदर्शिता के साथ पूर्ण कराने के लिए हर साल गाइडलाइन जारी की जाती है. नये नियमों का भी समावेश किया जाता है. बीते साल ई-पास मशीन से किसानों को अंगूठा लगवाकर धान विक्रेता होने का सत्यापन किया गया था. इस बार रकबा सत्यापन के नियम को लागू किया गया है.
दरअसल पंजीयन के दौरान कई किसान अपने धान के रकबा के साथ उन रकबों का भी पंजीयन करा लेते हैं, जिसमें धान के बदले सब्जी या अन्य फसल की बोआई की गई होती है.इसी बढ़े हुए रकबे का फायदा उठाते हुए बीचौलिए किसानों को लालच देकर अपना धान समितियों में खपा लेते हैं. जिले में धान खरीदी के लिए 65 उपार्जन केंद्र संचालित हैं. 41 समितियों के माध्यम से संचालित हो रहे इन केंद्रों में किसानों के पंजीकृत संख्या के आधार पर आनावारी रिपोर्ट तैयार की जाएगी. तहसील स्तर पर कुल धान उपज के रकबा के बाद अनुविभाग और अंत में जिला स्तर पर उपज का आकलन किया जाता है.
धान का रकबा देखने खेतों में जाएंगे अधिकारी (ETV Bharat Chhattisgarh)
91000 हेक्टेयर में लगी है धान की फसल:इस वर्ष अच्छे मानसून की वजह से बेहतर फसल का अनुमान लगाया जा रहा है. जिले में इस बार 91 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की बोआई की गई है. सरकार की ओर से समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल होने से अन्य फसलों की तुलना में धान बोआई के प्रति किसानों की रूचि और भी बढ़ी है.
75 हजार बारदानों जरूरत: जिले में इस वर्ष धान खरीदी के लिए 75 हजार बारदानों की जरूरत पड़ेगी. जिला विणपन विभाग ने पीडीएस उचित मूल्य की दुकानों से खाली बारदानों का संग्रहण किया है. जिले में संचालित हो रहे 516 दुकानों में 20 लाख बारदानों का संग्रहण पहले ही किया जा चुका है.
20 नए धान उपार्जन केंद्रों की मांग:लंबी दूरी तय करने की समस्या को देखते हुए रामपुर व पाली तानाखार विधायकों ने 20 नए धान उपार्जन केंद्रों की मांग की है. स्वीकृति मिलने पर केंद्रों की संख्या 85 हो जाएगी. शासन ने सभी उपार्जन केंद्रों को समिति बनाने का भी निर्णय लिया है. लेकिन इसमें स्वीकृति की मुहर नहीं लगी है.
पंचक निरीक्षण कर करेंगे रखने का सत्यापन :कोरबा अनुभाग के एसडीएम सरोज कुमार महिलांगे ने बताया कि धान खरीदी के दौरान राजस्व विभाग ने पटवारी के माध्यम से गिरदावरी का मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीयन किया है. यदि इसमें त्रुटि पाई जाती है तो पटवारी पर भी कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह खेतों में जाकर मोबाइल ऐप में दर्ज किए गए पंजीयन के आधार पर धान के रकबे का सत्यापन करेंगे. इस दौरान यदि रकबा बढ़ा हुआ पाया जाता है तो इसे बढ़ाया जाएगा. यदि धान के रकबा के तौर पर अधिक खेत दर्ज है, और मौके पर किसी अन्य फसल की बोआई की गई है. तब इसमें कटौती भी की जाएगी. इस नियम से बिचौलियों द्वारा अवैधानिक तौर पर जो फर्जी धान खपाया जाता है. उस पर भी लगाम लगाया जा सकेगा.