उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

जिस जगह पर पहली बार खोजी गई हवाई जहाज उड़ाने की तकनीक, उस भारद्वाज आश्रम का हो रहा कायाकल्प - PRAYAGRAJ MAHA KUMBH 2025

PRAYAGRAJ MAHA KUMBH 2025 : भारद्वाज मुनि के आश्रम के पुनर्निर्माण के लिए 13 करोड़ हो रहे खर्च. 9 स्टेशनों पर बढ़ाई जा रहीं सुविधाएं.

भारद्वाज आश्रम की बदल रही सूरत.
भारद्वाज आश्रम की बदल रही सूरत. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 27, 2024, 7:47 AM IST

प्रयागराज :महाकुंभ 2025 को लेकर तेजी से तैयारियां चल रहीं हैं. इसी कड़ी में भारद्वाज मुनि के आश्रम का भी कायाकल्प किया जा रहा है. आश्रम के पुनर्निर्माण के लिए 13 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. 85 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. यही वह जगह है जहां दुनिया में पहली बार हवाई जहाज उड़ाने की तकनीकी का ईजाद किया गया था. महाकुंभ शुरू होने से पहली आश्रम की सूरत पूरी तरह से बदल जाएगी. इसी कड़ी में करीब 9 रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढ़ाई जा रहीं हैं. शनिवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने इसका जायजा लिया.

माघ मेले और कुंभ मेले में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज का भारद्वाज मुनि का आश्रम भी काफी महत्व रखता है. यहां पर दुनिया में पहली बार विमान उड़ाने की टेक्नोलॉजी खोजी गई थी. पौराणिक मान्यता के अनुसार भारद्वाज मुनि ने यहीं पर विमान उड़ाने की तकनीक विकसित की. सूर्य की किरणों से विमान उड़ाने का तरीका खोजा. उन्होंने वनवास जाते समय प्रभु श्रीराम को राह दिखाई थी. लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भी भगवान राम भारद्वाज मुनि से मिलने आए थे.

कई राज्यों के मजदूर कर रहे कार्य :मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक भारद्वाज मुनि के आश्रम का पुनर्निर्माण का कार्य पूरी गति से आगे बढ़ रहा है. मंदिर के कॉरिडोर को अंतिम रूप देने के लिए दिन रात काम चल रहा है. निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कई राज्यों के मजदूरों को यहां लगाया गया है.दीवारों पर भित्ति चित्र (वॉल पेंटिंग) बनाए जा रहे हैं. इस पर भारद्वाज ऋषि से जुड़ी कहानियां, भगवान राम के वन गमन के चित्र, वन्य जीवों के चित्र बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा, छाया में बैठने के लिए बेंच, पर्याप्त मात्रा में डस्टबिन, मार्ग प्रकाश के लैंप, मुख्य द्वार का निर्माण, पार्किंग स्थल आदि निर्मित किया जा रहा है.

पूरी दुनिया से लोग आश्रम में पहुंचते हैं :संगम नगरी में महर्षि भारद्वाज का आश्रम सदियों से सनातन संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है. यहां की पौराणिक मान्यता है कि भारद्वाज मुनि प्रयागराज के प्रथम निवासी थे. सप्तऋषि परिवार में भारद्वाज ऋषि का नाम सबसे ज्यादा आदर से लिया जाता है. मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के अनुसार भारद्वाज आश्रम की देश और दुनिया में बहुत मान्यता है. इसकी वजह से साउथ इंडिया के काफी लोग प्रयागराज आते हैं. आश्रम कॉरिडोर बनने के बाद यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे. मान्यता है कि वन गमन से पहले प्रभु श्री राम माता सीता और लक्ष्मण भारद्वाज मुनि के आश्रम में रुके थे. यहीं आश्रम से ऋषि ने उनको चित्रकूट जाने की सलाह दी थी.

रेलवे स्टेशनों पर कराए जा रहे कई विकास कार्य. (Video Credit; ETV Bharat)

इन स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के लिए बढ़ाई जा रहीं सुविधाएं :प्रयागराज महाकुंभ को लेकर रेलवे की तैयारियां जोरों पर हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने शनिवार को निरीक्षण कर तैयारियां परखीं.आधिकारियों को तय समय के पूर्व कार्य पूरे करने के निर्देश दिए. चेयरमैन ने प्रयागराज जंक्शन, फाफामऊ, रामबाग सहित कई रेलवे स्टेशनों का निरीक्षण किया. यहां अमृत स्टेशन योजना के तहत चल रहे कार्यों को देखा.बताया कि आरओबी, ट्रैक डबलिंग आदि का कार्य तेजी से चल रहा है. यह दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. स्टेशनों पर चल रहे कार्य 30 नवंबर तक पूरे हो जाने की उम्मीद है.निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को संसाधन बढ़ाने और 24 घंटे कार्य कराने का निर्देश दिया.

चेयरमैन ने झूंसी, प्रयागराज रामबाग, नैनी, प्रयागराज छिवकी एवं सूबेदारगंज स्टेशन का भी निरीक्षण किया. महाकुंभ 2025 के दौरान आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी, नैनी, प्रयाग जंक्शन और सूबेदारगंज, प्रयागराज रामबाग, झूंसी, प्रयागराज जंक्शन, फाफामऊ जंक्शन, सहित 09 रेलवे स्टेशनों से यात्रा करेंगे. लिहाजा इन स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढ़ाई जा रहीं हैं.

यह भी पढ़ें :महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को नहीं होगी दिक्कत, योगी सरकार ने की ये खास तैयारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details